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इमरान खान से छिनी पीएम की कुर्सी

९ अप्रैल २०२२

पाकिस्तान में इमरान खान को आखिरकार प्रधानमंत्री पद गंवाना ही पड़ा. उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया. इसके बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है.

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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान
इमरान खान कहते हैं कि वह 'विदेशी साजिश' का शिकार हुए हैंतस्वीर: Chip Somodevilla/Getty Images

पाकिस्तान कई हफ्तों से राजनीतिक और संवैधानिक उथल-पुथल से गुजर रहा है. इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार अपने खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए तैयार नहीं थी. इसकी बजाय स्पीकर ने इस प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया और सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया. विपक्ष इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया, जहां इमरान खान को झटका देते हुए सर्वोच्च अदालत ने राष्ट्रीय संसद नेशनल असेंबली को बहाल किया और 9 अप्रैल को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार शनिवार सुबह नेशनल असेंबली का सत्र शुरू हुआ. दिन भर सियासी उठापटक के बीच ना तो प्रधानमंत्री इमरान खान संसद में आए और ना ही स्पीकर ने प्रस्ताव पर वोटिंग कराई. फिर देर रात स्पीकर असद कैसर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस दौरान इमरान खान की पार्टी के कुछ ही सदस्य संसद में थे.

नई सरकार

इसके बाद विपक्षी सदस्य अयाज सादिक ने स्पीकर का पद संभाला और अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई. इसके मुताबिक 174 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया जो बहुमत से दो ज्यादा है. इसका मतबल है कि अब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रहे. अब संसद अपना नया नेता चुनेगी. इस तरह विपक्षी नेता शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है. वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं और आबादी के लिहाज से पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद शहबाज शरीफ ने संसद में कहा कि नई सरकार बदले की भावना से काम नहीं करेगी. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कानून अपना काम करेगा और अदालतों के काम में कोई बाधा नहीं डाली जाएगी. शरीफ के सहयोगी और पाकिस्तानी पीपल्स पार्टी के नेता बिलावल भट्टो जरदारी ने 10 अप्रैल को पाकिस्तान के इतिहास का अहम दिन बताया, जब किसी प्रधानमंत्री को पहली बार अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता ने बेदखल किया गया है.

नवाज शरीफ की बेटी और पीएमएल (एन) की नेता मरियम नवाज ने ताजा घटनाक्रम पर ट्वीट कर कहा है कि पाकिस्तान का दुस्वप्न खत्म हो गया है और अब इसे संभालने और संवारने का समय है. 

'विदेशी साजिश'?

इससे पहले, इमरान खान ने शनिवार को कहा कि वह नेशनल असेंबली को बहाल करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं लेकिन वे इसे स्वीकार करते हैं. इमरान खान लगातार इस बात को कहते आ रहे हैं कि उन्हें 'अमेरिकी साजिश' के तहत से सत्ता से बाहर किया जा रहा है. उनके मुताबिक उन्होंने विदेश नीति पर अमेरिकी दबाव को मानने से इनकार कर दिया है और इसीलिए अमेरिका नहीं चाहता कि वह सत्ता में रहें. दूसरी तरफ, अमेरिका ने पाकिस्तान की घरेलू राजनीति में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इनकार किया है.

इमरान खान के आलोचकों का कहना है कि वह जनता की सहानुभूति पाने के लिए झूठी कहानियां रच रहे हैं. वहीं इमरान खान ने अपने समर्थकों से रविवार को सड़कों पर निकलने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा, "मैं संघर्ष करने को तैयार हूं." इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता और मौजूदा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट कर कहा है कि उन्हें अपने नेता के साथ खड़े रहने पर गर्व है.

69 साल के इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे. उन्होंने देश की व्यवस्था में बड़े सुधारों का वादा किया था ताकि भ्रष्टाचार खत्म हो और देश आर्थिक तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े. लेकिन उन पर आर्थिक कुप्रबंधन और विदेश नीति के मोर्चे पर गलतियां करने के आरोप लगे. देश में आसमान छूती महंगाई, तेजी से बढ़ती बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की दुर्गति और देश पर बढ़ते कर्ज ने उनकी लोकप्रियता को भारी नुकसान पहुंचाया है.

एके/एमजे (एपी, एएफपी, डीपीए)

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