किताबें पढ़कर इस देश में सजा कम करा सकते हैं कैदी
बोलीविया की भीड़भाड़ वाली जेलों में कैदी अब किताबें पढ़कर अपनी सजा कम करा सकते हैं. यह कार्यक्रम ब्राजील में चलाए गए ऐसे ही एक कार्यक्रम से प्रभावित है. कार्यक्रम का एक और उद्देश्य साक्षरता बढ़ाना भी है.
ब्राजील से सीख
दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में मुकदमे की लंबी अवधि के कारण कई कैदियों को दशकों तक जेल में ही अपना जीवन बिताना पड़ता है. देश की एक जेल ने उनके कारावास को 'सार्थक' बनाने के लिए किताबें पढ़ने की व्यवस्था की.
"सलाखों के पीछे किताबें"
बोलीविया सरकार का कार्यक्रम "बुक्स बिहाइंड बार्स" कैदियों को उनकी रिहाई की तारीख से कुछ दिन या सप्ताह पहले जेल से बाहर निकलने का मौका देता है. बोलीविया में आजीवन कारावास या मृत्युदंड नहीं है, लेकिन धीमी न्यायिक प्रणाली के कारण सुनवाई कई सालों तक चलती है.
कार्यक्रम से आकर्षित हुए कैदी
बोलीविया के लोकपाल कार्यालय का कहना है कि यह कार्यक्रम 47 जेलों में शुरू किया गया है. ये जेल वैसे हैं जिनके पास कैदियों के लिए शिक्षा या सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के लिए भुगतान करने के लिए संसाधन नहीं हैं. अब तक 865 कैदी पढ़ने और लिखने की अपनी आदत में सुधार ला चुके हैं.
पढ़ने का इनाम
उन कैदियों में से एक जैकलीन ने इस कार्यक्रम के तहत एक साल के भीतर आठ किताबें पढ़ ली. उन्होंने पढ़ाई की चार परीक्षा भी पास कर ली. जैकलीन कहती हैं, "हमारे जैसे लोगों के लिए यह वास्तव में बहुत मुश्किल है जिनके पास कोई आय नहीं है और जिनका बाहर परिवार नहीं है."
नई जिंदगी
लोकपाल कार्यालय की नादिया क्रूज कहती हैं इस कार्यक्रम का मकसद सुनवाई का इंतजार कर रहे कैदियों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है. क्रूज कहती हैं, "यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सजा में जो कटौती की जाती वह अपेक्षाकृत कम होती है (कुछ घंटे या दिन). यह इस बात पर निर्भर करता है कि बोर्ड क्या फैसला करता है."
भीड़ है जेलों की समस्या
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि देश की जेलों में संख्या से अधिक कैदी बंद हैं और कई बार कैदी स्वच्छता की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी करते हैं. इन सब मुश्किलों के बीच पढ़ना लिखना कैदियों के लिए जेल से बाहर निकलने का आसान रास्ता हो सकता है.