गायब हो गया सेनेगल की गुलाबी झील का रंग
रेत्बा झील अपने गुलाबी रंग की वजह से सेनेगल के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से है. लेकिन भारी बारिश की वजह से लोगों को आकर्षित करने वाला यह रंग ही गायब हो गया है.
एक दुर्लभ नजारा
गुलाबी झील के नाम से जानी जाने वाली पश्चिमी सेनेगल की रेत्बा झील यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिए जाने के लिए विचाराधीन है. दरअसल झील में करीब 40 प्रतिशत मात्रा में नमक और एक दुर्लभ सूक्ष्मजीवी द्वारा बनाई गई काई की वजह से इस झील का पानी गुलाबी हो जाता था. पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ साथ झील का नमकीन पानी कई लोगों को आजीविका भी देता था.
कमाई का जरिया
नमक इस इलाके के सैकड़ों परिवारों के आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन है. लेकिन सितंबर 2022 में सब बदल गया जब भारी बारिश ने झील के किनारे के पास एक बड़ी सी नहर को बना दिया. झील के पानी का स्तर बढ़ गया और कीमती नमक पहाड़ उसमें डूब गए. रेत्बा झील नमक खनन संघ के मुताबिक सात लाख डॉलर मूल्य का करीब 7,100 टन नमक बर्बाद हो गया.
बदल गया पानी का रंग
भारी बारिश की वजह से झील का गुलाबी रंग भी गायब हो गया. पास ही बनी चौड़ी नहर से मटमैले रंग का पानी झील में आ गया, जिसकी वजह से मैलापन हो गया. अंदेशा है कि इसमें से नमक निकालना भी अब संभव नहीं हो पाएगा, जिससे करीब 3,000 लोगों की आजीविका छिन जाएगी. झील के किनारे यहां की यादगार चीजें बेचने वाले लोग भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
मछलियों पर संकट
लेकिन झील के पानी के बदल जाने की वजह से उसमें मौजूद मछलियों की आबादी पर विनाशकारी असर पड़ा. इन मछलियों ने पानी में मौजूद नमक की अधिक मात्रा के हिसाब से खुद को ढाल लिया था लेकिन अब वो इस पानी में नहीं जी पा रही हैं.
पर्यटन पर खतरा
जनवरी से मार्च की शुरुआत तक, जब यहां सबसे ज्यादा लोग आते हैं, झील का गुलाबी रंग काफी तेज हो जाता है. विशेषज्ञों को डर है कि मैले पानी के लगातार झील में गिरने से इसका इकोसिस्टम हमेशा के लिए बदल जाएगा. यह उन सब के लिए विनाशकारी है जिनकी आजीविका झील से जुड़े पर्यटन पर निर्भर है. (क्लाउडिया डेन)