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शिक्षाजर्मनी

जर्मनी में बढ़ रहे भारतीय स्टूडेंट

अविनाश द्विवेदी
७ जनवरी २०२२

जर्मन विश्वविद्यालयों पर किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि जर्मनी में भारतीय छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है.

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तस्वीर: David Talukdar/NurPhoto/picture alliance

जर्मनी में फिर से अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. अंतरराष्ट्रीय यात्रा के नियमों में छूट दिए जाने के बाद से यह ट्रेंड स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है, खासकर भारतीय स्टूडेंट्स के लिए. जर्मनी की एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस डाड (डीएएडी) के नए सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि जर्मन विश्वविद्यालयों में फिलहाल जारी विंटर सेमेस्टर के दौरान फिर से अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी है.

यह बदलाव साल 2021 के समर सेमेस्टर में अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की संख्या में भारी गिरावट के बाद आया है. इस दौरान कई देशों में अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर कड़े प्रतिबंध लागू थे. ऐसे देशों में भारत और जर्मनी भी शामिल थे, जिसके चलते विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की संख्या काफी घटी थी. लेकिन अब डाड की ओर से किए एक सर्वे के मुताबिक कम से कम 3.3 लाख विदेशी छात्र जर्मन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं. सर्वे में उन छात्रों की संख्या बढ़ती देखी गई है, जो अभी जर्मन विश्वविद्यालयों में पहले सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं. डाड के आंकड़ों के मुताबिक ऐसे कम से कम 72 हजार स्टूडेंट्स 160 जर्मन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं.

पढ़ाई के लिए आकर्षक जर्मनी

सर्वे में यह भविष्यवाणी भी की गई है कि इस संख्या के अभी और बढ़ने के आसार हैं. डाड के प्रमुख प्रोफेसर डॉ जॉयब्रतो मुखर्जी के मुताबिक, "हमारे सदस्य विश्वविद्यालयों का सर्वे नए साल को आशा भरी नजरों से देखने का अवसर देता है. महामारी के बावजूद, जर्मनी में अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ रही है."

उन्होंने यह भी कहा, "पिछले विंटर सेमेस्टर में पहले साल की पढ़ाई कर रहे अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राओं की संख्या में गिरावट आने के बाद यह इस बार फिर से बढ़ी है. करीब 13 फीसदी की बढ़ोत्तरी उससे कहीं ज्यादा है, जितनी गर्मियों में सोची जा रही थी. आंकड़े इस बात के लिए बहुत अच्छा संकेत हैं कि जर्मनी पढ़ाई के लिए एक आकर्षक जगह है. आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि सदस्य विश्वविद्यालयों और डाड का अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की साझा मदद का प्रयास रंग ला रहा है, तब भी जब हम पिछले 100 सालों में सबसे भयानक महामारी का सामना कर रहे हैं." डाड अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप आदि पाने में मदद करता है.

तुर्क, ईरानी स्टूडेंट्स भी बढ़े

इस सर्वे में जर्मनी के उच्च शिक्षा के संस्थानों की ओर से बताया गया है कि भारत के साथ ही तुर्की, ईरान, इटली और फ्रांस से आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. दूसरी ओर चीन, सीरिया और कैमरून के छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी आई है. जिन संस्थानों को इस सर्वे में शामिल किया गया था, उनमें से करीब 29 फीसदी ने कहा कि उनके संस्थान में भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या 10 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ी है.

साल 2020-21 में कुल 64 हजार अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स जर्मन विश्वविद्यालयों में दाखिल हुए थे. साल 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़कर 72 हजार से 80 हजार के बीच पहुंच गया है. जानकार इस इजाफे के पीछे दो वजहें बताते हैं. पहली, गेस्ट और एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या तेजी से पहले के स्तर पर लौट आना. दूसरी, मास्टर्स प्रोग्राम के तहत आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राओं की संख्या में भी बढ़ोत्तरी.

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एक-तिहाई संस्थानों में 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी

31 फीसदी संस्थानों का कहना है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स के दाखिले में करीब 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की है. जबकि 40 फीसदी ने बताया कि उनके यहां अंतरराष्ट्रीय छात्र-छात्राओं की संख्या पहले जितना ही बनी हुई है.

डाड ने दिसंबर में कराए इस सर्वे में 270 उच्च शिक्षा संस्थानों को शामिल किया था, जिनमें से 158 ने जवाब भेजे. कुल अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स में से 65 फीसदी सर्वे में शामिल इन्हीं विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं.