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समाज

भावुक किम जोंग उन ने नाकामियों के लिए मांगी माफी

१३ अक्टूबर २०२०

ऐसा पहली बार है जब उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को भावुक होते देखा गया हो, उनकी हमेशा से सख्त छवि दुनिया ने देखी है लेकिन सेना की परेड के दौरान दिए गए भाषण में वे भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए.

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तस्वीर: Reuters/KCNA

किम जोंग उन ने सैनिकों को उनके बलिदान के लिए शुक्रिया कहा और जनता से उनकी जिंदगी में बेहतरी करने में नाकाम होने पर माफी मांगी. सैन्य परेड में भाषण के दौरान उनकी आंखों से आंसू निकल आए. शनिवार को किम जोंग ने अपनी वर्कर्स पार्टी की 75वीं वर्षगांठ पर सैन्य परेड में भाषण दिया और हाल ही में आए तूफान में सैनिकों को उनके कार्य के लिए शुक्रिया कहा और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अहम भूमिका निभाने को लेकर भी आभार जताया. उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी चैनल ने इस भाषण का एडिटेड वीडियो जारी किया जिसमें वे भावुक दिख रहे हैं और एक समय में उनका गला रुंध भी गया.

किम ने कहा है कि वे आभारी हैं कि एक भी उत्तर कोरियाई नागरिक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ. हालांकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया इस दावे पर संदेह जताते आए हैं. उन्होंने आगे कहा कोरोना वायरस के खिलाफ उपायों, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और कई तूफानों के प्रभाव ने सरकार को जनता के जीवन में सुधार लाने के वादों को पूरा करने से रोका है.

Südkorea | TV-Übertragung Nordkorea | 75. Gründungstag der Arbeiterpartei
सरकारी टीवी चैनल ने किम के भावुक होने का वीडिया जारी किया.तस्वीर: Jung Yeon-Je/AFP/Getty Images

किम ने अपने भाषण में कहा, "मेरी कोशिश और ईमानदारी हमारी जनता के जीवन में आने वाली कठिनाइयों से छुटकारा दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं है. हालांकि जनता ने हमेशा मुझ पर विश्वास किया है और भरोसा जताया है और मेरे दृढ़ संकल्प का समर्थन किया है."

उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को लेकर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का सामना कर रहा है और उसकी अर्थव्यवस्था इस कारण से प्रभावित हुई है. यही नहीं कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश ने अपनी सीमा यातायात को बंद कर दिया है जिसका असर अर्थव्यवस्था पर भी दिखा है.

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उत्तर कोरिया के 40 फीसदी लोग भोजन की कमी से जूझ रहे हैं. हाल ही में आए तूफानों और कोरोना वायरस को लेकर पाबंदियों ने देश की अर्थव्यवस्था को बहुत कमजोर किया है.

एए/सीके (रॉयटर्स)

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