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समाजयूरोप

दिग्गज टेक कंपनियों के लिए कड़ा कानून ला रहा है यूरोपीय संघ

१६ दिसम्बर २०२०

गूगल, एमेजॉन और फेसबुक समेत बड़ी दिग्गज कंपनियों ने अगर यूरोपीय संघ में मनमानी की, तो उन्हें कुल टर्नओवर का 10 फीसदी जुर्माना भरना पड़ सकता है. क्या कहता है ईयू कड़ा कानूनी मसौदा?

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इंटरनेट कंपनियों में यूजर एनगेजमेंट की होड़तस्वीर: Ozan Kose/AFP/Getty Images

यूरोपीय संघ के इस प्रस्तावित बिल को डिजिटल सर्विस एक्ट (डीएसए) और डिजिटल मार्केट्स एक्ट (डीएमए) नाम दिया गया है. मसौदे के तहत ग्लोबल इंटरनेट सुपरपावर बन चुकी कंपनियों को यूरोपीय बाजार में नए नियम कायदों का पालन करना होगा. यूरोपीय संघ की प्रतिस्पर्धा प्रमुख मारग्रेथ वेस्टागर और ईयू के डिजिटल चीफ थिएरी ब्रेटॉन ने मंगलवार को ड्राफ्ट पेश किया.

क्या कहते हैं प्रस्तावित कानून?

मसौदे में इन बातों का बहुत साफ जिक्र है कि दिग्गज इंटरनेट टेक कंपनियां यूरोपीय संघ में क्या कर सकती हैं और क्या प्रतिबंधित होगा.

  • यूरोपीय संघ में 4.5 करोड़ से ज्यादा यूजरों वाली कंपनियों को डिजिटल "गेटकीपर्स" माना जाएगा. उनके लिए सख्त नियम होंगे.
  • प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनी को अपने कुल टर्नओवर का 10 फीसदी जुर्माना देना पड़ सकता है.
  • अगर प्लेटफॉर्म "लोगों के जीवन और सुरक्षा को खतरे में डालने" वाले फीचर के प्रतिबंध से इनकार करे तो अंतिम फैसले के रूप में उसकी सेवाएं अस्थायी तौर पर निलंबित की जा सकती है.
  • विलय या अधिग्रहण से पहले कंपनियों को यूरोपीय संघ को जानकारी देनी होगी.
  • खास किस्म का डाटा रेग्युलेटरों और प्रतिद्वंद्वियों के साथ शेयर करना होगा.
  • अपनी ही सेवाओं को बढ़ावा देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई के दायरे में आएंगी.
  • गैरकानूनी, विचलित करने वाले और भ्रम फैलाने वाले कंटेंट के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को ज्यादा जिम्मेदारी लेनी होगी.

"अराजकता को व्यवस्थित करना होगा"

मारग्रेथ वेस्टागर
मारग्रेथ वेस्टागरतस्वीर: Olivier Matthys/dpa/picture alliance

यूरोपीय संघ की प्रतिस्पर्धा प्रमुख मारग्रेथ वेस्टागर के मुताबिक नए नियम इंटरनेट जगत में फैल रही अराजकता को कम कर एक व्यवस्थित सिस्टम बनाएंगे. ब्रसेल्स में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, "डिजिटल सर्विस एक्ट और डिजिटल मार्केट एक्ट अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करते हुए सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाएं पैदा करेंगे."

लेकिन दो प्रस्ताव क्यों, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "दोनों प्रस्ताव एक ही मकसद के लिए है. ये तय करते हैं कि यूजर, ग्राहक और कारोबार के तौर पर हमारे सामने ऑनलाइन सेवाओं के कई विकल्प हों."

मौजूदा हालात की तुलना बिना सिग्नल वाले ट्रैफिक से करते हुए डेनमार्क की अधिकारी वेस्टागर ने कहा कि प्रस्ताव "सड़कों पर व्यवस्था लागू" करेंगे.

टेक दिग्गजों की प्रतिक्रिया

अमेरिकी कंपनी गूगल ने यूरोपीय संघ ने नए प्रस्तावों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे ये खास कंपनियों को निशाना बनाने के लिए तैयार किए हैं. गूगल के गर्वनमेंट अफेयर्स एंड पब्लिक अफेयर्स के वाइस प्रेसिंडेट करन भाटिया के मुताबिक, "हम अगले कुछ दिनों में यूरोपीय आयोग के बनाए प्रस्तावों को ध्यान से पढ़ेंगे. हालांकि हम चिंतित हैं क्योंकि ऐसा लगता है कि कुछ खास कंपनियों को निशाना बनाया जा रहा है."

Symbolbild I BigTech I Social Media
गूगल के प्रोडक्टतस्वीर: Nicolas Economou/NurPhoto/picture alliance

वहीं दूसरी तरफ तमाम आलोचनाएं झेल रही दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने प्रस्तावों को "सही रास्ता" बताया है. फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, "हम इनोवेशन को बढ़ावा देने वाले नियमों का समर्थन करते हैं, इनसे प्रतिस्पर्धा पैदा होती है और ये ग्राहकों के हितों की रक्षा करते हैं. हम इस बात को स्वीकार करते हैं नए नियम निश्चित रूप से हम पर लागू होने चाहिए."

ईयू के प्रस्तावों का स्वागत करते हुए फेसबुक ने एप्पल पर निशाना साधा. फेसबुक ने उम्मीद जताई कि नया बिल एप्पल जैसे टेक दिग्गज के लिए भी "सीमाएं तय" करेगा.

ओएसजे/एनआर (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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