1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

एनआरआई के लिए बदले आयकर के नियम

ऋषभ कुमार शर्मा
४ फ़रवरी २०२०

बजट में सरकार ने निवासी और अनिवासी भारतीय दोनों के लिए ही आयकर नियमों में बदलाव किए हैं. इन नियमों के बदलाव के बाद एनआरआई या अनिवासी भारतीयों के आयकर देने में क्या बदलाव होने वाला है?

https://p.dw.com/p/3XEws
Indien Finanzministerin Nirmala Sitharaman stellt Haushalt vor für Haushaltsjahr 2020-21
तस्वीर: AFP/P. Singh

2020 के आम बजट में आयकर को लेकर बड़े परिवर्तन किए गए. भारतीय करदाताओं के लिए नए टैक्स स्लैब लाए गए हैं. करदाताओं को विकल्प दिया गया है कि वे पुराने टैक्स स्लैब के साथ रहें या नए टैक्स स्लैब को अपनाएं. दोनों के अपने-अपने फायदे नुकसान भी हैं. आयकर से जुड़ी एक घोषणा एनआरआई यानी नॉन रेसिडेंट इंडियंस के लिए भी हुई है. एनआरआई वो लोग हैं जो भारत के नागरिक हैं लेकिन फिलहाल भारत में नहीं रहते. केंद्र सरकार ने इनके लिए बने कर नियमों में बदलाव किया है.

वर्तमान कानून क्या है?

किसी भी व्यक्ति पर भारत सरकार का आयकर लागू करने के लिए दो शर्तें होती हैं. पहली शर्त है भारत में रहना. भारत सरकार के आयकर के दायरे में आने के लिए वित्त वर्ष के एक निश्चित समय तक भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर भारत सरकार आयकर लगाती है. इस निश्चित समयावधि तक देश में ना रहने वाले नागरिकों को अनिवासी भारतीय या एनआरआई कहा जाता है.

Indien Finanzministerin Nirmala Sitharaman stellt Haushalt vor für Haushaltsjahr 2020-21
तस्वीर: AFP/India's Presidential Palace

आयकर की दूसरी शर्त है सोर्स ऑफ इनकम यानी आय का स्रोत. भारत देश में हुई सारी कमाई पर भारत सरकार आयकर लगाती है. लेकिन यहां निवासी और अनिवासी भारतीय पर लगने वाले आयकर में अंतर है. यदि कोई अनिवासी भारतीय दूसरे देश के साथ भारत से भी कोई कमाई कर रहा है तो उसे सिर्फ भारत की आय पर ही आयकर देना होता है. लेकिन अगर कोई निवासी भारतीय भारत में रहकर विदेश से भी कमाई कर रहा है तो उसे भारत के साथ-साथ विदेश की आय पर भी कर देना होता है.

बजट 2020 में क्या बदलाव आया?

बजट में अनिवासी भारतीयों के लिए टैक्स नियमों पर तीन बदलाव किए गए हैं. पहले एक साल में 182 दिन देश से बाहर रहने पर एक भारतीय नागरिक को अनिवासी माना जाता था. इसी आधार पर टैक्स नियम लागू होते थे. लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 240 दिन कर दिया गया है. अब अगर कोई व्यक्ति एक साल में 120 दिन भारत में रहता है तो वह निवासी भारतीय माना जाएगा. सरकार का तर्क है कि 182 दिन के नियम का दुरुपयोग कर कई लोग भारत में टैक्स नहीं भरते थे. इनमें अधिकतर लोग व्यापार से जुड़े हैं.

Indien Neu Delhi Nirmala Sitharaman und Ram Nath Kovind
तस्वीर: IANS/RB

दूसरा बदलाव एनओआर यानी नॉट ऑर्डिनरिली रेजिडेंट को लेकर है. एनओआर यानी वो व्यक्ति जो भारत के नागरिक तो हैं लेकिन सामान्य तौर पर भारत में नहीं रह रहे हैं. इस कैटेगिरी में वो लोग आएंगे जो अनिवासी भारतीय हैं लेकिन किसी परिस्थितिवश एक निश्चित संख्या से ज्यादा दिनों तक भारत में रहे. मानकर चलिए कोई एनआरआई पिछले सात सालों से भारत से बाहर है और आठवें साल में वो लगातार 182 दिन भारत में रहता है. ऐसे में एनओआर दर्जे की वजह से उसे अनिवासी भारतीय मानकर उनसे टैक्स नहीं लिया जाएगा. नए बदलाव के बाद कोई भी व्यक्ति जो पिछले 10 में से 7 साल भारत में नहीं रहा होगा वो एनओआर कहलाएगा. फिलहाल यह समयसीमा 10 में से 9 साल विदेश में रहना है.

तीसरा बदलाव जो सबसे ज्यादा विवादास्पद माना जा रहा है वो दूसरे देशों के आयकर नियमों से जुड़ा है. इस बदलाव में कहा गया है कि कोई भी भारतीय नागरिक जो किसी दूसरे देश में कर नहीं दे रहा है, उसे निवासी भारतीय नागरिक माना जाएगा. इसका मतलब उसे भारतीय आयकर नियमों के हिसाब से टैक्स देना होगा. खाड़ी के यूएई समेत कई देशों में कोई आयकर नहीं लगता है. ऐसे में इन देशों में काम कर रहे भारतीय इस नियम को लेकर आशंकित हैं.

OCI Deutscher Reisepass Overseas Citizen of India Pass
तस्वीर: DW/S. Burman

इस नियम को लेकर परेशानी क्या है?

इन बदलावों पर आपत्ति जताने वालों का कहना है कि ये अनिवासी भारतीयों पर निवासियों जैसा टैक्स लगाना है. क्योंकि निवासियों की पूरी कमाई पर टैक्स लगता है जबकि अनिवासियों की सिर्फ भारत में हुई कमाई पर. साथ ही बिना आयकर वाले देशों में काम कर रहे भारतीयों को डर है कि नए बदलाव से उनकी पूरी आय भारतीय कर नियमों में आएगी. ऐसे में उनका घर से बाहर रहकर काम करना ज्यादा मतलब का नहीं रह जाएगा.

केंद्र सरकार का इस पर क्या कहना है?

इन बदलावों के स्पष्ट होने से पहले ही इनका विरोध शुरू हो गया. केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर इन नए नियमों पर असहमति जताई. उन्होंने लिखा कि इन नए नियमों की वजह से लोग दूसरे देशों में जाना कम कर देंगे जिससे भारत में विदेशी मुद्रा के आने में कमी आएगी. गौरतलब है कि केरल से बड़ी संख्या में लोग खाड़ी देशों में रहते हैं.

OCI NRI Indische Staatsbürgerschaft Indo-French
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Kiran

द हिन्दू अखबार में वित्त मंत्रालय के हवाले से छापी गई सफाई में इन नियमों के बदलाव पर बताया गया है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, "मीडिया में खाड़ी देशों समेत कई आयकर मुक्त देशों में काम कर रहे भारतीयों पर भारत में आयकर लगाने की खबरें चल रही हैं. ये नए नियमों की गलत व्याख्या है. अगर जरूरत पड़ी तो कानून में इसकी स्पष्ट व्याख्या की जाएगी." सरकारी सूत्रों का कहना है कि इन नियमों को उन व्यापारियों के लिए सख्त किया गया है जो अपने रेसिडेंट स्टेटस के चलते टैक्स देने से बचते रहते हैं. वेतनभोगी कर्मचारियों पर इसका सीधा असर नहीं होगा.

सरकार की इस सफाई के बाद भी इन नियमों के बदलाव के पूरी तरह स्पष्ट ना होने तक एनआरआई चितिंत हैं. बजट सत्र अभी चालू है और बजट पर अभी बहस होना बाकी है. सरकार नए नियमों के प्रस्ताव लेकर आई है. लेकिन अभी चर्चा होकर बजट पास होने तक इनमें किसी बदलाव की उम्मीद की जा सकती है.

__________________________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore