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शादी के वादे बन गए हैं महिलाओं के सबसे बड़े दुश्मन

विवेक कुमार३१ अगस्त २०१६

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े दिखाते हैं कि महिलाओं और बच्चों का समाज में अपनों से बड़ा दुश्मन कोई नहीं है. दोनों के साथ सबसे ज्यादा बलात्कार उनके अपनों ने किया.

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Indien Protest gegen Vergewaltigung
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Str

इसे बाल मजदूरी का सबसे भयानक रूप कहा जा सकता है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले साल जिन बच्चों का रेप हुआ उनमें से 25 फीसदी के बलात्कारी बाल मजदूरों के मालिक या साथ काम करने वाले लोग हैं.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने एनसीआरबी के इन आंकड़ों पर एक रिपोर्ट छापी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में देशभर में बच्चों के साथ बलात्कार के 8800 मामले दर्ज हुए. प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन अगेंस्ट सेक्शुअल ऑफेंसेस एक्ट (पोक्सो) के तहत दर्ज हुए इन मामलों में 2227 केस यानी 25.3 फीसदी ऐसे थे जिनमें अपराधी बच्चों के साथ काम करने वाले या उनके मालिक ही थे.

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बच्चों की स्थिति

एनसीआरबी के आंकड़ों में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि बच्चों के साथ रेप के मामले में सबसे ज्यादा अपराधी पड़ोसी थे. 2015 में बच्चों के साथ रेप के 3149 मामलों में यानी 35.8 पर्सेंट केस में पड़ोसी अपराधी पाए गए. 10 फीसदी मामलों में बच्चे अपने ही परिजनों के शिकार बने. लेकिन सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात है कि बच्चों के साथ रेप के 94.8 फीसदी मामलों में अपराधी उनके परिचित ही थे.

विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चे अगर काम करते हैं तो वे खतरे की जद में सबसे ज्यादा होते हैं. पूर्व पुलिस अधिकारी और बच्चों के लिए एक गैरसरकारी संस्था 'प्रयास' चलाने वाले आमोद कंठ ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से कहा कि बच्चों के लिए तो खतरा महिलाओं से भी ज्यादा है. उन्होंने कहा, "बच्चे तो घरों में या पूरी तरह से बंद क्षेत्रों में भी काम करते हैं और कई मामलों में वे दिनभर मालिकों के साथ रहते हैं. ऐसे में उनके शोषण की संभावना बढ़ जाती है."

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महिलाओं की स्थिति

एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो महिलाओं के विरुद्ध अपराध की हालत भी निराशाजनक ही है. हालांकि बलात्कार के मामले दो फीसदी घटे हैं लेकिन उनके लिए खतरे बढ़े ही हैं. शादी के वादों के चलते हुए अपराध बढ़ रहे हैं. रेप के 27.4 फीसदी मामलों में अपराधी महिला पीड़ितों के पड़ोसी थे. 22 फीसदी मामलों में ऐसा हुआ कि शादी का वादा करके महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाए गए. लेकिन यहां भी सबसे ज्यादा खतरनाक परिचित ही साबित हुए. 95.5 फीसदी मामलों में रेपिस्ट महिलाओं के जानकार थे.

2015 में रेप के 34 हजार 651 मामले दर्ज हुए. 488 मामलों में महिलाओं के साथ दादा, पिता, भाई या बेटे ने बलात्कार किया. 1788 मामलों में बलात्कारी रिश्तेदार थे और 891 मामलों में तो खून के रिश्ते में ही अपराधी निकले.

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