75वें जन्मदिन पर नाटो को यूक्रेन की चिंता
४ अप्रैल २०२४बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में नाटो का मुख्यालय है. यहीं नाटो के तमाम नेता यूक्रेन युद्ध पर बातचीत कर रहे हैं. 4 अप्रैल को यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने नाटो सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को संबोधित किया. नाटो की 75वीं सालगिरह पर शुभकामनाएं देते हुए कुलेबा ने कहा, "मैं पार्टी में खलल नहीं डालना चाहता हूं, लेकिन मेरा आज का मुख्य संदेश पैट्रियॉट्स हैं."
अमेरिका में बनी पैट्रियॉट मिसाइलें जमीन से हवा में मार करती हैं. कुलेबा के मुताबिक, इनकी मदद से उनका देश रूसी बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले से खुद का बचाव कर सकेगा. यूक्रेनी विदेश मंत्री ने कहा, "यूक्रेनियों की जिंदगी बचाना, यूक्रेन की अर्थव्यवस्था बचाना, यूक्रेन के शहरों को बचाना, यूक्रेन में यह पैट्रियॉट्स और अन्य एयर डिफेंस सिस्टमों की उपलब्धता पर निर्भर है. हम पैट्रियॉट्स की बात इसलिए कर रहे हैं कि यह अकेला ऐसा सिस्टम है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकता है."
स्वीडन के नाटो में आने का क्या असर होगा
यूक्रेन अपने पश्चिमी साझेदारों से लगातार आधुनिक और उन्नत हथियारों की मांग कर रहा है. कीव के मुताबिक, इन हथियारों के जरिए वह रूसी हमले का मुकाबला कर सकता है. पश्चिमी देशों को डर है कि आधुनिक हथियार कहीं मॉस्को को उनके खिलाफ ही न भड़का दे. रूसी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बीच-बीच में परमाणु हमले की धमकी देते आ रहे हैं.
एक-दूसरे कि लिए जरूरी हो चुके हैं यूरोप और अमेरिका
नाटो के महासचिव येंस स्टोल्टेनबर्ग के मुताबिक, अमेरिका को अपनी रक्षा के लिए अपने यूरोपीय साझेदारों की जरूरत है और दोनों पक्षों का साझा हित इसी में है, "यूरोप को अपनी सुरक्षा के लिए उत्तरी अमेरिका की आवश्यकता है. ठीक इसी समय, उत्तरी अमेरिका को भी यूरोप की जरूरत है. यूरोपीय साझेदार विश्वस्तरीय सेना, विशाल इंटेलिजेंस नेटवर्क और अनोखी कूटनीतिक क्षमता मुहैया कराते हैं. यह अमेरिकी की शक्ति को कई गुना कर देता है."
अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. चुनावों में राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच मुकाबला होना है. ट्रंप नाटो के कई यूरोपीय सदस्यों को लेकर नाराजगी जताते रहे हैं. स्टोल्टेनबर्ग को इसका अहसास है. ब्रसेल्स में उन्होंने कहा, "मुझे अकेले अमेरिका, अकेले यूरोप पर विश्वास नहीं है. मैं नाटो में अमेरिका और यूरोप के साथ पर भरोसा करता हूं क्योंकि हम मिलजुलकर ताकतवर और सुरक्षित हैं."
यूरोप की सुरक्षा की धुरी है नाटो: बेयरबॉक
जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने नाटो को यूरोपीय सुरक्षा की धुरी करार दिया. जर्मनी के सरकारी प्रसारक रेडियो 'डॉयचलांडफुंक' से बातचीत में उन्होंने कहा कि रूस की आक्रामकता सिर्फ यूक्रेन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे यूरोप की शांति के लिए खतरा है.
पुतिन की परमाणु धमकी में कितना दम
बेयरबॉक ने पूरी वचनबद्धता से यूक्रेन की मदद करने की अपील करते हुए कहा कि आजादी और लोकतंत्र की रक्षा करने का एकमात्र रास्ता यही है.
जर्मन विदेश मंत्री ने यूक्रेन को मदद देने के लिए नाटो सदस्यों के बीच समन्वय के प्रस्ताव का भी समर्थन किया. यह प्रपोजल नाटो महासचिव स्टोल्टेनबर्ग ने सामने रखा है.
नई चुनौतियों का सामना करता नाटो
डीडब्ल्यू की वरिष्ठ पत्रकार आलेक्जांड्रा फोन नामेन मानती हैं कि यूक्रेन युद्ध और चीन के बढ़ते अड़ियल रुख से नाटो को नई चुनौतियां मिल रही हैं. नामेन के मुताबिक, रूस का यह दावा कि उसने यूक्रेन पर हमला नाटो के गलत कदमों के चलते किया, गलत है. नाटो तो 2014 में क्रीमिया के गैरकानूनी कटाव से पहले तक रूस के साथ संवाद कर रहा था. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बार-बार कहते हैं कि पूर्वी यूरोप में नाटो की विस्तारवादी नीतियों के कारण ही उन्हें यूक्रेन में घुसना पड़ा.
चीन से निपटने के लिए हिंद-प्रशांत में भी नाटो जैसा संगठन चाहता है अमेरिका
4 अप्रैल 1949 को वॉशिंगटन में नॉर्थ अटलांटिक संधि पर हस्ताक्षरों के साथ शुरू हुए नाटो से आज 32 देश जुड़ चुके हैं. 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर जब नाटो के नेता बातचीत कर रहे थे, उसी बीच 4 अप्रैल को रूसी राष्ट्रपति कार्यालय का भी बयान आया. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेशकोव ने पत्रकारों से कहा कि नाटो के साथ "रिश्ते सीधे टकराव के स्तर तक नीचे गिर चुके हैं." फरवरी 2024 में पुतिन ने भी कहा कि रूस और नाटो के बीचे सीधे टकराव का मतलब होगा कि तीसरा विश्व युद्ध दूर नहीं है.
ओएसजे/एसएम (एएफपी, डीपीए, एपी)