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गैस पाइपलाइनों में रिसाव तकनीकी खराबी या तोड़फोड़

२७ सितम्बर २०२२

रूस से यूरोप को गैस पहुंचाने वाली पाइपलाइन में रिसाव की खबरें आने के बाद यूरोप में आशंकायें बढ़ती जा रही हैं. अब तक रिसाव के कारण का पता नहीं चला है और दुर्घटना से लेकर तोड़फोड़ तक की आशंका में कयास लगाये जा रहे हैं.

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नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन में रिसाव
नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइनतस्वीर: Stefan Sauer/dpa/picture alliance

रूसी प्राकृतिक गैस की सप्लाई के लिये बनी नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 दोनों से बाल्टिक सागर में स्वीडन और डेनमार्क के पास रिसाव की खबरें आई हैं. ये दोनों पाइपलाइनें रूस ने यूरोप को गैस की सप्लाई के लिये बनाई थी. नॉर्ड स्ट्रीम 1 यूरोप को बड़ी मात्रा में गैस की सप्लाई कर रहा था लेकिन अगस्त से यह बंद कर दिया गया. नॉर्ड स्ट्रीम 2 बन कर तैयार था लेकिन सप्लाई चालू होने से ठीक पहले रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया जिसके बाद इसके चालू होने की उम्मीदों पर पूर्ण विराम लग गया.

पाइपलाइनों में रिसाव

दोनों पाइपलाइनों में कम दबाव पर गैस मौजूद है. सोमवार को खबर आई कि गैस का दबाव बहुत कम हो गया है और इसके कारण का पता नहीं चल पा रहा. इसके बाद रिसाव की खबरें आने लगीं. सोमवार को डेनमार्क ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन 2 में रिसाव की खबरों के बाद 5 नॉटिकल मील के घेरे में जहाजों के आने जाने पर रोक लगा दी. इसके तुरंत बाद स्वीडन के समुद्री विभाग ने नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन 1 में रिसाव को लेकर चेतावनी जारी की. 

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ये दोनों पाइपलाइनें रूस से यूरोप को ऊर्जा की सप्लाई के केंद्र में हैं और यूक्रेन पर हमला होने के बाद से ही सबका ध्यान इनकी तरफ है.यूरोप में बढ़ती महंगाई, ऊर्जा के बढ़ते संकट और वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों की खोजमें जुटे यूरोपीय देशों के बीच बीच बार बार इन पाइपलाइनों का जिक्र हो रहा है. विशेषज्ञों और रूस का कहना है कि तोड़फोड़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन में रिसाव
रिसाव के बाद 5 नॉटिकल मील के दायरे में जहाजों की आवाजाही रोकी गई है

यूरोपीय सुरक्षा से जुड़े सूत्रों का कहना है, "जान बूझ कर तोड़फोड़ के कुछ संकेत मिले हैं" लेकिन पक्के तौर पर कोई नतीजा निकालना जल्दबाजी होगी. रूस ने भी रिसाव की खबरों पर चिंता जताते हुए कहा है कि तोड़फोड़ की कार्रवाई एक वजह हो सकती है. रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव का कहना है, "फिलहाल किसी भी वजह से इनकार नहीं किया जा सकता."

दोनों पाइपलाइनों से इस वक्त भले ही गैस ना आ रही हो लेकिन अगर तोड़फोड़ की कोई घटना हुई तो नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन से यूरोप को सर्दियों के पहले गैस के आपूर्ति की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जायेगी. नेटवर्क ऑपरेटर नॉर्ड स्ट्रीम एजी का कहना है, "एक ही दिन नॉर्ड स्ट्रीम सिस्टम के तट से दूर गैस पाइपलाइन में तीन जगहों पर हुए नुकसान की घटना अभूतपूर्व है. फिलहाल गैस परिवहन व्यवस्था को चालू करने में लगने वाले समय का सही आकलन संभव नहीं है."

रूसी सरकार के नियंत्रण वाली गैस सप्लाई कंपनी गाजप्रोम ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.

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खराबी या तोड़फोड़

नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन अफेयर्स के रिसर्च प्रोफेसर जाकुब गोजिमिर्स्की रूसी ऊर्जा नीति के विशेषज्ञ हैं. उनका कहना है कि कोई तकनीकी खराबी हो सकती है लेकिन तोड़फोड़ की भी आशंका है. रिसाव की घटना मंगलवार को नॉर्वे से पोलैंड गैस ले जाने वाली बाल्टिक पाइपलाइन के औपचारिक उद्घाटन से ठीक पहले हुई है. इस पाइपलाइन को रूसी सप्लाई का विकल्प तैयार करने की कोशिश के तौर पर देखा जाता है.

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन 1
फिलहाल नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन से भी गैस की सप्लाई बंद हैतस्वीर: Hannibal Hanschke/File Photo/REUTERS

नॉर्वे के पेट्रोलियम सेफ्टी अथॉरिटी ने सोमवार को तेल कंपनियों को सावधान रहने को कहा था. नॉर्वे के तट से दूर तेल और गैस प्लेटफॉर्मों के पास कुछ अज्ञात ड्रोन उड़ान भरते दिखायी दिये थे. इन्हें देखने के बाद हमले की आशंका जताई गई थी.

स्वीडन के समुद्री प्रशासन, एसएमए के प्रवक्ता का कहना है कि नॉर्ड स्ट्रीम 1 में दो जगह से रिसाव हुआ है. इनमें से एक स्वीडिश इकोनॉमिक जोन के पास है जबकि दूसरा डेनिश जोन के पास. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों रिसाव डेनिश द्वीप बोर्नहोम के उत्तर पूर्व में हैं. एसएमए के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है ताकि कोई जहाज इस रिसाव के आसपास ना पहुंचे.

रिसाव वाले इलाके में जहाजों को जाने से उनकी उत्प्लावन क्षमता यानी पानी में हल्के बने रहने की क्षमता पर पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा पानी के ऊपर रिस कर आने वाली गैस में आग भी लग सकती है. डेनमार्क की ऊर्जा एजेंसी ने यह भी कहा है कि रिसाव के बाद अलग थलग किये गये इलाके के बाहर कोई खतरा नहीं है. 

रिसाव से पर्यावरण को स्थानीय रूप से वहां नुकसान होगा जहां पर गैस पानी में मिली है. इसके नतीजे में निकलने वाली ग्रीनहाउस गैस मीथेन जलवायु को प्रभावित करेगी.

एनआर/आरपी (रॉयटर्स)