म्यांमार: बाहर निकले सैकड़ों युवा प्रदर्शनकारी
९ मार्च २०२१सोमवार की रात म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून में हजारों प्रदर्शनकारी रात को कर्फ्यू तोड़ते हुए सड़कों पर बाहर आए. ये लोग संचांग जिले में युवाओं के प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए बाहर आए थे. 1 फरवरी को तख्तापलट के बाद वहां युवा लगातार धरना दे रहे हैं. सेना का तख्तापलट और देश की नेता आंग सान सू ची की हिरासत ने म्यांमार को अराजकता में झोंक दिया है. सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 60 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है और अब तक 1,800 से अधिक प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए जा चुके हैं.
घर-घर की तलाशी
संचांग में पुलिस ने सोमवार को ऐलान किया कि वह घरों की तलाशी लेगी और बाहरी लोगों को छिपाने वालों को सजा देगी. युवा कार्यकर्ता शार यो मोन ने बताया कि वह 15 से 20 अन्य लोगों के साथ एक इमारत में छिपी थी, लेकिन अब वो घर पहुंच चुकी है. उन्होंने फोन पर बताया, "लोग प्रदर्शनकारियों को कार में मुफ्त की सवारी दे रहे हैं और उनका स्वागत कर रहे हैं. सैन्य शासन के खत्म होने तक प्रदर्शन इसी तरह से जारी रहेगा." एक अन्य प्रदर्शनकारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि वह सुरक्षा बलों के हटने बाद सुबह 5 बजे जगह छोड़ने में कामयाब रहा.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने "अधिकतम संयम" और सभी प्रदर्शनकारियों की बिना हिंसा या गिरफ्तारी की सुरक्षित रिहाई की मांग की थी, जिसकी वकालत अमेरिकी और ब्रिटिश दूतावास ने भी की थी. एक अधिकार समूह ने बताया कि संचांग में पुलिस ने घरों की तलाशी के बाद 50 लोगों को गिरफ्तार किया है और पुलिस का तलाशी अभियान जारी है. सैन्य प्रशासन जुंटा ने इस पर कोई टिप्पणी से इनकार किया है.
सरकारी प्रसारक एमआरटीवी ने इससे पहले कहा था: "दंगों को रोकने और हताहतों को कम से कम करने की कोशिश करते हुए सरकार का धैर्य खत्म हो गया है, ज्यादातर लोग पूर्ण स्थिरता और दंगों के खिलाफ अधिक प्रभावी उपायों को अपनाने की मांग कर रहे हैं." वहीं उत्तरी म्यांमार में प्रदर्शनों के दौरान सोमवार को तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.
मीडिया पर कार्रवाई
विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले कुछ स्थानीय मीडिया चैनलों पर सेना ने अंकुश लगा दिया है और उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए. उसने घोषणा की कि पांच स्थानीय मीडिया कंपनी मिज्जिमा, डीवीबी, खित थित मीडिया, म्यांमार नाउ और 7डी न्यूज के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. एमआरटीवी ने कहा, "इन मीडिया कंपनियों को अब किसी भी तरह के मीडिया के मंच का इस्तेमाल करके या किसी भी मीडिया तकनीक का उपयोग करके प्रसारित करने या लिखने या जानकारी देने की अनुमति नहीं है." सभी पिछले महीने के सैन्य तख्तापलट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को कवर करने में सक्रिय रहे हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)
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