1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट, एक साल के लिए आपातकाल

१ फ़रवरी २०२१

म्यांमार की सेना ने तख्तापलट करते हुए देश की कमान अपने हाथ में ले ली है. सेना ने म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सू ची, राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को हिरासत में लेने के बाद एक साल के लिए आपातकाल लगा दिया है.

https://p.dw.com/p/3oecj
तस्वीर: Athit Perawongmetha/REUTERS

म्यांमार की नेता सू ची, राष्ट्रपति विन मिंट और नेशनल लीग फॉर डेमोक्रैसी (एनएलडी) के कई वरिष्ठ नेताओं को सोमवार तड़के सेना ने कार्रवाई करते हुए हिरासत में ले लिया. सेना ने इसके बाद देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू कर दिया. म्यांमार की शक्तिशाली सेना की इस कार्रवाई की चौतरफा आलोचना हो रही है. संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने म्यांमार के इस घटनाक्रम पर चिंता जाहिर की है. एनएलडी के प्रवक्ता मायो नयुंट ने कहा, "हमने सुना है कि उन्हें सेना ने हिरासत में ले लिया है... अब जो स्थिति हम देख रहे हैं, हमें यह मानना होगा कि सेना तख्तापलट कर रही है." 

म्यांमार की सत्तारूढ़ एनएलडी ने सोमवार को कहा कि देश की सेना ने रात भर चले छापे के दौरान सू ची को हिरासत में ले लिया और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को सैन्य तख्तापलट में "उठा" लिया. सेना की ओर से संचालित टीवी पर सोमवार को कहा गया कि सेना ने देश को अपने कब्जे में ले लिया है और एक साल के लिए आपातकाल घोषित किया है. सेना का कहना है कि उसने पूर्व जनरल मिंट स्वे को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया है. मायो नयुंट ने जनता से अपील करते हुए कहा, "मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे जल्दबाजी में प्रतिक्रिया न करें और मैं चाहता हूं कि वे कानून के मुताबिक काम करें."

राष्ट्रीय टीवी प्रसारण बंद

सैन्य कार्रवाई के कुछ घंटों बाद सरकारी प्रसारक एमआरटीवी ने कहा कि वह कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहा है और प्रसारण जारी रखने में सक्षम नहीं होगा. म्यांमार रेडियो और टेलीविजन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "मौजूदा संचार समस्याओं के कारण हम विनम्रतापूर्वक आपको सूचित करना चाहेंगे कि म्यांमार रेडियो पर प्रसारण जारी नहीं रख पाएंगे." देश के सबसे बड़े शहर यंगून में एक चश्मदीद ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सिटी हॉल के बाहर के सैनिकों को तैनात किया गया है. यंगून में सोमवार सुबह इंटरनेट कनेक्शन और मोबाइल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. इंटरनेट निगरानी सेवा नेटब्लॉक के मुताबिक सोमवार को म्यांमार की राष्ट्रीय इंटरनेट कनेक्टिविटी सामान्य से 75 फीसदी कम हो गई.

Myanmar  General Min Aung Hlaing
म्यांमार के सेना प्रमुख जनरल मिन आंग लाइ.तस्वीर: Soe Zeya Tun/REUTERS

दशकों से देश पर राज कर चुकी सेना और सरकार के बीच तनाव बीते कुछ समय में बढ़ा है. पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव को लेकर सेना संतुष्ट नहीं थी और वह चुनाव में धोखाधड़ी का मुद्दा उठा रही थी. हालांकि म्यांमार के राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग ने सेना की ओर से लगाए गए चुनावों में धोखाधड़ी होने के आरोपों से इनकार कर दिया था. सू ची की पार्टी ने चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी. म्यांमार के सैन्य अधिकारियों का कहना है कि नेताओं को चुनावी धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पिछले हफ्ते म्यांमार के सेना प्रमुख जनरल मिन आंग लाइ ने सेना को संबोधित करते हुए तख्तापलट का संकेत दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर देश में कानून का सही तरीके से पालन नहीं किया जाता है तो "आवश्यक" कदम उठाए जा सकते हैं. हालांकि शनिवार को सेना ने एक बयान में कहा था कि लाइ के बयान का गलत मतलब निकाला गया.

तख्तापलट की आलोचना

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने म्यांमार की स्थिति पर चिंता जताई है. एंटोनियो के प्रवक्ता स्टेफानी दुजारक ने एक बयान में कहा, "काउंसलर सू ची, राष्ट्रपति और कई वरिष्ठ नेताओं को नई संसद के सत्र के पहले हिरासत में लिए जाने की महासचिव कड़ी निंदा करते हैं." दूसरी ओर व्हाइट हाउस की प्रवक्‍ता जेन साकी ने कहा कि अमेरिका उन रिपोर्टों से चिंतित है कि म्‍यांमार की सेना ने देश के लोकतांत्रिक बदलाव को खोखला कर दिया है और आंग सांग सू ची को गिरफ्तार किया है. उनके मुताबिक इस घटना के बारे में राष्‍ट्रपति जो बाइडेन को राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जानकारी दी है.

भारत ने भी स्थिति पर चिंता जताई है और एक बयान में कहा है कि वह बारीकी से घटना पर नजर बनाए हुए है. भारत ने कहा क‍ि उसने हमेशा ही म्‍यांमार में लोकतांत्रिक बदलाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का समर्थन किया है. सू ची ने 1988 में सैन्य-विरोधी प्रदर्शनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 2012 के संसदीय चुनाव से पहले कई सालों तक उन्हें नजरबंद किया गया था.

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें