15 अगस्त पर प्रधानमंत्री की 15 बातें
१५ अगस्त २०१६प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने बहुत लंबे भाषण में लगभग हर विषय पर बात की. उन्होंने पाकिस्तान को लताड़ा, दलितों को सहलाया और जनता को हंसाया भी. पेश हैं, उनके भाषण की 15 बड़ी बातें...
वे कैसे लोग, कैसी सरकारें हैं जो निर्दोष लोगों के मरने पर आतंकवादियों को ग्लोरिफाई करते हैं.
मैं भटके हुए नौजवानों से कहना चाहता हूं कि हिंसा का रास्ता छोड़कर लौट आएँ और देश को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करें. हिंसा से कुछ नहीं मिलेगा.
गुड गवर्नेंस के लिए जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की जरूरत होती है. मुझे देश की स्थिति बदलनी है और बदल कर रहूंगा.
हमें सरकार की पहचान बनाने से ज्यादा हिंदुस्तान की पहचान बनाने की फिक्र है. नई योजनाएं घोषित करने से सरकारी पहचान बन जाती है लेकिन पुरानी योजनाओं को नहीं छोड़ना चाहिए.
आज समाज में तनाव है. एक समय रामानुजाचार्य कहते थे, उम्र और जाति के कारण अनादर न करो. महात्मा गांधी, अंबेडकर आदि सभी ने सामाजिक एकता की बात कही है. सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ना होगा. होता है, चलता है कहने से नहीं चलेगा.
आजादी के बाद 35 हजार से ज्यादा जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है. हम आज आजादी का जश्न उन्हीं के त्याग और बलिदान की बदौलत मना रहे हैं. देश को आगे बढ़ाने के लिए हिंसा को मिटाना जरूरी है.
पंचायत हो या संसद हो, ग्राम प्रधान हो या प्रधानमंत्री हो, हर लोकतांत्रिक संस्था को सुराज्य की ओर बढ़ने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा.
यह सच है कि देश के सामने कई समस्याएं हैं, लेकिन सामर्थ्य भी है. सामर्थ्य की शक्ति से समस्याओं के समाधान मिल जाते हैं.
शासन को जनता के लिए उत्तरदायी होना चाहिए. ऐसा न होने पर आम लोगों की समस्याएं जस की तस रहती हैं. बदलाव नजर नहीं आता. शासन को संवेदनशील होना चाहिए.
दो साल के कार्यकाल में हमने अनगिनत काम किए हैं. मैं भी लाल किले की प्राचीर से सरकार की बहुत सारी उपलब्धियां बता सकता हूं लेकिन उसका हिसाब देने के लिए मुझे यहां हफ्ते भर तक बोलना होगा.
मध्यम वर्ग के लोग पुलिस से ज्यादा इनकम टैक्स वालों से परेशान रहते हैं. मैं यह स्थिति बदल कर रहूंगा.
18 हजार गांवों में से 10 हजार में बिजली पहुंचा दी गई है. मुझे पता चला कि उनमें से कई गांव आज पहली बार देश की आजादी के जश्न को टीवी पर देख रहे होंगे.
यह बात सही है कि पिछली सरकार में महंगाई दर 10 फीसदी को भी पार कर गई थी. हमने इसे 6 फीसदी से आगे नहीं जाने दिया जबकि दो साल देश में अकाल रहा.
किसान के पास मिट्टी है. अगर उसे पानी मिल जाए तो मेरे देश के किसानों में इतना दम है कि वे जमीन से सोना निकाल लें. इसलिए हम जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.
हमारे वैज्ञानिकों ने 171 नए बीज विकसित किए हैं. वे देश की जलवायु और मिट्टी के हिसाब से इन बीजों को विकसित कर रहे हैं. इससे उपज बढ़ेगी.