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समाजमेक्सिको

मेक्सिको में गर्भपात लीगल घोषित किया गया

७ सितम्बर २०२३

मेक्सिको के सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को दंड संहिता की धाराओं से बाहर निकालने का आदेश दिया है. अब महिलाओं के लिए गर्भ ना रखने का फैसला करना ज्यादा आसान होगा.

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एक महिला अस्पताल में
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महिलाओं को अबॉर्शन का हक ना देना मानवाधिकार का हनन है.तस्वीर: Evelyn Hockstein/REUTERS

अदालत ने गर्भपात पर लगी सारी कानूनी पाबंदियों को खत्म कर दिया हैं. आदेश में कहा गया है कि गर्भपात पर रोक लगाने वाले सभी कानून अंसवैधानिक हैं और महिला अधिकारों का हनन करते हैं. लैटिन अमेरिका में औरतों के हक में यह बड़ी सफलता है. कोर्ट ने कानूनी प्रावधानों को हटाने का आदेश देते हुए सभी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं और संस्थानों को गर्भपात के लिए जरूरी इंतजाम करवाने के निर्देश दिए हैं.

लैटिन अमेरिका में गर्भपात पर प्रदर्शन
कोर्ट के इस फैसले का मतलब है कि सरकारी अस्पताल कानून के नाम पर औरतों को गर्भपात की सुविधा देने से मना नहीं कर सकेंगेतस्वीर: Rebecca Blackwell/AP Photo/picture alliance

इंफॉर्मेशन ग्रुप फॉर चोजेन रीप्रोडकशन (जिआईआरई) ने कहा, "किसी भी महिला को या गर्भवती व्यक्ति को और स्वास्थ्य कर्मचारियों को गर्भपात के लिए सजा नहीं होनी चाहिए.” मेक्सिको के 20 राज्यों में गर्भपात एक जुर्म घोषित है. इन राज्यों में इस आदेश पर अमल किया जाएगा मगर अभी कानूनी प्रक्रिया बननी बाकी है. 

फैसले का स्वागत

यह फैसला आने के बाद से सोशल मीडिया पर जश्न का माहौल है. "आज मेक्सिको की महिलाओं के लिए न्याय और जीत का दिन है!” मेक्सिको नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर वुमन ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर संदेश लिखते हुए कहा कि यह लैंगिक समानता की ओर एक बड़ा कदम है. मेक्सिको के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायधीश, ओल्गा सांचेज कोरदेरो ने भी इस आदेश की तारीफ करते हुए एक्स पर लिखा "आज हम एक न्यायपूर्ण समाज की ओर बढ़े हैं जहां सबके अधिकारों का सम्मान हो.”

हाल में लैटिन अमेरिका के कई देशों ने गर्भपात पर लगे कानूनी प्रतिबंधों को ढील दी है. गर्भपात के हक में महिलाओं ने अपने माथे पर हरी पट्टी पहन कर मार्च निकाले. इसलिए लैटिन अमेरिका में ऐसे बढ़ते ट्रेंड को ‘हरी वेव' भी कहा गया है.

 अमेरिका में गर्भपात के मसले पर प्रदर्शन
गर्भपात पर रोक लगाने वाले सभी कानून अंसवैधानिक हैं और महिला अधिकारों का हनन करते हैंतस्वीर: Sue Dorfman/ZUMAPRESS/picture alliance

कानून का असर

धार्मिक संस्थानों ने इस आदेश का विरोध किया है. सिविल एसोसिएशन फॉर राइट्स ऑफ कॉनसीव्ड की अध्यक्ष, इर्मा बारीनटोस ने बयान दिया कि वह गर्भपात के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखेंगी, "हम नहीं रुकेंगे. यह याद रखना चाहिए कि 40 साल बाद अमेरिका में भी ऐसे आदेशों को पलटा गया. जब तक मेक्सिको में गर्भधारण के समय से ही जीवन का अधिकार नहीं मिलेगा, हम नहीं रुकेंगे.” अमेरिका में गर्भपात को अपराध घोषित कर देने के बाद से, महिलाएं गर्भपात के लिए मेक्सिको के मानव अधिकार कार्यकर्ताओं से दवाइयां खरीद रही हैं.

 अमेरिका में गर्भपात के मसले पर प्रदर्शन
गर्भपात पर रोक लगाने वाले सभी कानून अंसवैधानिक हैं और महिला अधिकारों का हनन करते हैंतस्वीर: Sue Dorfman/ZUMAPRESS/picture alliance

हालांकि कोर्ट के इस फैसले काम मतलब यह नहीं है कि हर महिला के लिए गर्भपात करवाना तुरंत मुमकिन हो सकेगा. इसका मतलब यह है कि सरकारी संस्थाओं को अब महिलाओं की मदद करनी होगी. अब कोई भी संस्थान महिलाओं को कानूने के नाम पर यह सुविधादेने से मना नहीं कर सकेगा. एक और अहम बात यह है कि इस फैसले के बाद कामकाजी महिलाएं जो सामाजिक सुरक्षा स्कीम की सदस्य हैं या सरकारी नौकरी करती हैं, उन्हें यह सुविधा उन राज्यों के सरकारी संस्थानों में भी मिलेगी जहां अबॉर्शन पर अब भी बैन लगा है.

एसबी/ओएसजे(एपी)

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