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समाज

जासूसी कांडः यूरोपीय नेताओं ने डेनमार्क से मांगी सफाई

१ जून २०२१

यूरोप के नेताओं ने इस खुलासे पर प्रतिक्रिया दी है कि डेनमार्क की जासूसी एजेंसी ने अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी (एनएसए) के जासूसी अभियानों में सहयोग किया था जिसमें मैर्केल का मोबाइल टैप करना भी शामिल था.

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तस्वीर: Michael Sohn/AP Photo/picture alliance

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने सोमवार को कहा कि उन्हें इस खुलासे के बारे में स्पष्टीकरण की उम्मीद है कि डेनिश डिफेंस इंटेलिजेंस सर्विस (एफई) ने यूरोपीय नेताओं की जासूसी करने में अमेरिका की मदद की थी. यूरोपीय समाचार संस्थान और प्रसारकों की पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि डेनमार्क की खुफिया एजेंसी ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की 2012 और 2014 के बीच जर्मनी, फ्रांस और अन्य देशों के शीर्ष राजनेताओं की जासूसी करने में मदद की थी. उस वक्त जो बाइडेन अमेरिका के उप राष्ट्रपति थे. माक्रों ने मैर्केल के साथ बैठक के बाद डेनिश अधिकारियों द्वारा इस कार्रवाई की निंदा की, जर्मन चांसलर ने सहमति जाहिर की कि वॉशिंगटन और कोपेनहेगन से जवाब जरूरी है.

माक्रों और मैर्केल ने क्या कहा?

माक्रों ने कहा, "यह सहयोगियों के बीच स्वीकार्य नहीं है और यूरोपीय भागीदारों और सहयोगियों के बीच भी स्वीकार्य नहीं है." फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूरोप और अमेरिका के बीच अच्छे संबंधों के अहमियत पर जोर दिया, लेकिन उन्होंने साथ ही रेखांकित किया, "संदेह की कोई जगह नहीं होनी चाहिए." उन्होंने कहा कि वे डेनिश और अमेरिकी सहयोगियों से "पूर्ण सफाई" का इंतजार कर रहे हैं. मैर्केल ने कहा कि वह माक्रों की भावनाओं से "केवल सहमत" हो सकती हैं.

हालांकि, चांसलर ने थोड़ा नरम स्वर अपनाया. उन्होंने कहा कि वह डेनमार्क की वर्तमान रक्षा मंत्री ट्राइन ब्रैमसेन की टिप्पणी से "आश्वस्त" हैं. उन्होंने कहा, "इस संबंध में, मैं न केवल मामले के समाधान के लिए, बल्कि वास्तव में विश्वसनीय संबंधों को बनाए रखने के लिए बेहतर आधार देखती हूं."

ब्रैमसन, जासूसी की अवधि के दौरान पद पर नहीं थीं. उन्होंने इन रिपोर्टों की पुष्टि नहीं की है और केवल करीबी सहयोगियों की जासूसी को "अस्वीकार्य" कार्य के रूप में निंदा की है. डेनमार्क के समाचार प्रसारक डीआर के मुताबिक ब्रैमसेन को एफई की कार्रवाइयों के बारे में 2020 के आखिर में बताया गया था. कुछ ही समय बाद, शीर्ष खुफिया अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया, हालांकि उस समय कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया था.

दूसरे देशों की प्रतिक्रिया?

डेनमार्क के स्कैंडिनेवियाई पड़ोसी देशों ने भी इस खुलासे पर जवाब मांगा है कि डेनिश खुफिया एजेंसी की मदद से एनएसए ने नॉर्वे और स्वीडन के नेताओं की भी जासूसी की थी. नॉर्वे की प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग ने समाचार प्रसारक एनआरके से कहा, "यह अस्वीकार्य है अगर उन देशों का घनिष्ठ साझीदार एक दूसरे की जासूसी करने की जरूरत महसूस करते हैं." स्वीडन के रक्षा मंत्री पीटर हकविस्ट ने कहा कि वह चाहते हैं कि चीजें स्पष्ट हों. उन्होंने कहा कि सहयोगियों की जासूसी मंजूर नहीं है.

एनएसए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडन ने भी स्पष्टीकरण की मांग की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "न केवल डेनमार्क से बल्कि उसके वरिष्ठ साथी से भी पूर्ण सार्वजनिक खुलासे की स्पष्ट आवश्यकता होनी चाहिए."

एए/वीके (एएफपी, डीपीए)

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