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जर्मनी और ट्यूनीशिया के बीच नयी आप्रवासन डील

३ मार्च २०१७

जर्मनी ट्यूनीशिया को 25 करोड़ यूरो की मदद देगा ताकि ट्यूनीशिया के गरीब इलाकों में विकास परियोजनाओं को सहारा दिया जा सके. जर्मन चांसलर मैर्केल के ट्यूनीशिया दौरे में इस समझौते का एलान हुआ है.

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Tunesien Besuch Merkel bei Präsident Beji Caid Essebsi
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Stache

जर्मन चांसलर के दौरे में दोनों देशों के बीच एक नयी आप्रवासन डील पर भी दस्तखत किए गए हैं. ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति बेजी सैद एसेबसी ने कहा कि यह समझौता गैरकानूनी आप्रवासियों से निपटने में मदद करेगा और जर्मनी और ट्यूनीशिया, दोनों इससे संतुष्ट होंगे. इस समझौते के तहत उन लोगों को जल्द से जल्द वापस ट्यूनीशिया भेजना संभव होगा जिनके शरण का आवेदन जर्मनी में ठुकरा दिया गया है.
समझौते में प्रावधान है कि ठुकराये गए आवेदन के मामलों में पहचान से जुड़े सवालों पर ट्यूनीशियाई अधिकारी 30 दिन के भीतर जर्मन अधिकारियों को जवाब देंगे. इसके बाद एक हफ्ते के भीतर उस व्यक्ति के प्रत्यर्पण के दस्तावेज तैयार हो जाएंगे. समझौते के बाद चांसलर मैर्केल ने ट्यूनिस में कहा, "यह हमारे लिए अच्छी खबर है."

मैर्केल ने ट्यूनिस में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जर्मनी की तरफ से दी जाने वाली 25 करोड़ यूरो की मदद से विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इससे नौकरी के अवसर पैदा होंगे.

जर्मनी में इस साल आम चुनाव होने हैं. ऐसे में, मैर्केल का पूरा जोर उत्तर अफ्रीकी देशों से बड़ी संख्या में जर्मनी आने वाले प्रवासियों को रोकना है. इसी के तहत उन्होंने पिछले महीने अपनी मर्जी से जर्मनी छोड़ कर वापस ट्यूनीशिया जाने वाले लोगों को आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव रखा था.

दिसंबर में बर्लिन के क्रिसमस बाजार में हमले को अंजाम देने वाला अनीस आमरी ट्यूनीशिया का ही था. इस हमले में 12 लोग मारे गए थे. हमले से पहले आमरी के शरण के आवेदन को जर्मन अधिकारियों ने खारिज कर दिया था. लेकिन उसे वापस ट्यूनीशिया नहीं भेजा जा सका क्योंकि उसके दस्तावेज गुम हो गए थे और इस मामले में नौकरशाही की भी कई अड़चनें थीं.

ट्यूनीशिया से पहले गुरुवार को मैर्केल मिस्र की राजधानी काहिरा में थीं जहां उनकी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी से मुलाकात हुई. साथ ही वह मिस्र के मुस्लिम और ईसाई नेताओं से भी मिलीं.

मिस्र के निवेश और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि जर्मनी ने मिस्र को 50 करोड़ डॉलर की पेशकश की है जिससे सरकार के आर्थिक कार्यक्रम और छोटे और मझौले उद्योगों की मदद हो सकेगी.

एके/ओएसजे (डीपीए)