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राजनीतिश्रीलंका

अराजकता की चेतावनी के बीच कोलंबो छोड़ कर जा रहे लोग

१२ मई २०२२

श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वारा दी गई अराजकता की चेतावनी के बीच कई लोग कोलंबो छोड़ कर अपने गृह शहर की ओर जाने लगे हैं. राजनीतिक भविष्य को लेकर कोलंबो में कई पार्टियों के नेताओं की बैठक भी होने वाली है.

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Sri Lanka - Soldaten der srilankischen Armee patrouillieren während der Ausgangssperre in Colombo
तस्वीर: Eranga Jayawardena/AP/picture alliance

कोलंबो में कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू के हटने के साथ ही मुख्य बस स्टेशन पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई. इसके पहले राष्ट्रपति ने देश में अराजकता की चेतावनी दी थी. गुरुवार को अलग अलग पार्टियों के नेताओं की संसद के स्पीकर के साथ बैठक होनी है. बैठक में देश के मौजूदा हालात पर चर्चा होगी.

आजादी के बाद अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में इस हफ्ते काफी हिंसा हुई. सोमवार नौ मई को पहले पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने कोलंबो में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला कर दिया. उसके बाद हिंसा का एक लंबा दौर शुरू हो गया.

राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग

पुलिस ने बताया कुल मिला कर नौ लोगों की मौत हो गई और 300 से भी ज्यादा घायल हो गए. मरने वालों में सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद भी थे. प्रदर्शनकारियों ने महिंदा राजपक्षे के पैतृक घर में आग लगा दी और उनके आधिकारिक आवास में भी घुसने की कोशिश की. उसके बाद उन्हें वहां से अपने परिवार के साथ भागना पड़ा. अब वो पूर्वोत्तर में एक सैन्य बेस में छिपे हुए हैं.

महिंदा राजपक्षे, गोटबाया राजपक्षे
महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद गोटबाया राजपक्षे के भी इस्तीफे की मांग उठ रही हैतस्वीर: Eranga Jayawardena/AP/picture alliance

प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि प्रदर्शन तब तक चलते रहेंगे जब तक राष्ट्रपति भी इस्तीफा नहीं दे देते. लेकिन उन्होंने कहा है कि वो इसी हफ्ते एक नए प्रधानमंत्री और एक नई कैबिनेट को नियुक्त करेंगे जिससे "देश को अराजकता से बचाया जा सके." माना जा रहा है कि पांच बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे इस रेस में सबसे आगे हैं.

हो सकता है नया प्रधानमंत्री नियुक्त

विक्रमसिंघे कई पार्टियों की एक मिली जुली "एकजुट सरकार" का नेतृत्व कर सकते हैं. राष्ट्रपति के एक करीबी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एफपी को बताया, "अगर आखिरी मिनट में कोई अड़चन पैदा नहीं हुई, तो आज शपथ ग्रहण होने की संभावना है."

श्रीलंका
रनिल विक्रमसिंघे फिर से प्रधानमंत्री बन सकते हैंतस्वीर: Lakruwan Wannniarachchi/AFP/Getty Images

पहले मुख्य विपक्षी पार्टी एसजीबी को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया गया था लेकिन उसके नेता साजित प्रेमदासा ने मांग की कि पहले राष्ट्रपति को इस्तीफा देना होगा. लेकिन एसजीबी के करीब एक दर्जन सांसदों ने 73 साल के विक्रमसंघे के लिए समर्थन की घोषणा कर दी.

वो 1993 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे और उसके बाद चार और बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं. अगस्त 2020 में हुए चुनावों में राजपक्षे को दो-तिहाई बहुमत मिला था और विक्रमसिंघे की पार्टी यूएनपी बुरी तरह से हार गई थी. बल्कि विक्रमसिंघे अपनी पार्टी से एक मात्र सांसद हैं.

सीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

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