अफ्रीका के एक बड़े तालाब के सूखने का असर
८ नवम्बर २०२१फाग्विबीन तालाब कभी अफ्रीका के सबसे बड़े तालाबों में से था. इसमें नाइजर नदी में बाढ़ आने से पानी भर जाया करता था. 1970 के दशक में विनाशकारी सूखों के आने के बाद यह तालाब सूखने लगा और 2,00,000 से भी ज्यादा लोगों को अपनी पारंपरिक आजीविका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
अब इसके सूखे किनारों पर रह रहे लोगों को बेकार हो चुकी यहां की मिटटी से आजीविका के नए तरीके तलाशने पड़ रहे हैं. साथ ही उन्हें अपने घरों को आगे बढ़ते हुए रेत के टीलों से बचाना भी पड़ रहा है.
जलवायु परिवर्तन का दबाव
रेड क्रॉस अंतरराष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें कभी किसान रहे अब्दुल करीम अग अल हसने इलाके में बारे में बता रहे हैं. अब मवेशियों को चराने का काम करने वाले अब्दुल रेतीले क्षितिज की तरफ उंगली दिखाते हुए कहते हैं, "ये पूरा इलाका पानी से भरा हुआ था."
अब्दुल टिंबक्टु के पश्चिम में स्थित पूर्ववर्ती तालाब के किनारे बसे गांवों में से एक में रहते हैं. अब उन्हें और उनके जैसे दूसरे गांव वालों को मवेशियों के लिए पानी खोजने के लिए रोजाना पैदल काफी दूर जाना पड़ता है.
इतना ही नहीं, उन्हें रेत के टीलों को दूर रखने के लिए लकड़ियों के बांध भी बनाने पड़ते हैं. सिमटती हुई इस आबादी के ऊपर जलवायु परिवर्तन की वजह से और दबाव पड़ने वाला है. पश्चिमी अफ्रीका में साल 2100 तक औसत तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
संघर्षों से चुनौती
संयुक्त राष्ट्र की जलवायु संस्था के मुताबिक उत्तरी माली में साल 2100 तक औसत तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा बढ़ जाएगा.
अमेरिकन जर्नल ऑफ एक्वेटिक साइंस पत्रिका में 2016 में छपे एक अध्ययन में बताया गया कि फाग्विबीन के वेटलैंड्स को पहले जैसे करने और इस इलाके को फिर से टिंबक्टु का ब्रेडबास्केट बनाने के कई प्रयास किए गए लेकिन संघर्ष की कई लहरें आईं और इन कोशिशों को पटरी से उतार दिया.
इनमें से सबसे हालिया संघर्ष है सालों से चल रही इस्लामिस्ट इंसर्जेन्सी. बिंटागोंगु गांव में तो रेत के टीलों ने एक स्कूल के आंगन को लील लिया है और खाली पड़ी इमारत की नींव में दरारें पैदा कर दी हैं.
वहां के महापौर हमा आबाक्रेने कहते हैं, "यह करीब 400 बच्चों का स्कूल था. इसका मतलब है एक पूरी पीढ़ी. एक नष्ट हो चुकी पीढ़ी, एक पीढ़ी जिसकी किस्मत में भागना या भर्ती होना लिख दिया गया है."
सीके/एए (रॉयटर्स)