भारत में बढ़ती घरों की कीमतें
रॉयटर्स के एक सर्वे के अनुसार, भारत में घरों की कीमतें लगातार बढ़ेंगी, खासतौर पर अमीर लोगों की लक्जरी प्रॉपर्टीज की मांग के चलते. दिल्ली में एक साल में कीमतें 30 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं.
भारत में और महंगे होंगे घर
भारत में पिछले साल घरों की कीमतों में औसतन 4.3 फीसदी की वृद्धि हुई थी, और इस साल 7.75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है. 18 प्रॉपर्टी मार्किट विशेषज्ञों के बीच सर्वे के मुताबिक अगले दो साल में कीमतें 6 से लेकर 6.25 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं.
दिल्ली में सबसे ज्यादा वृद्धि
साल दर साल की तुलना में, दिल्ली और एनसीआर में घर की कीमतों में सबसे अधिक 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसके बाद बेंगलुरु में 28 प्रतिशत, अहमदाबाद और पुणे में 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. अन्य 8 बड़े शहरों और मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में यह वृद्धि 10 प्रतिशत के स्तर से काफी नीचे रही.
लक्जरी बनाम किफायती आवास
भारत में लक्जरी घरों की मांग किफायती घरों से कहीं ज्यादा बढ़ रही है, और नए किफायती घरों की सप्लाई नहीं हो रही है. भारत के अमीर लोग जिनके पास आमतौर पर दो या उससे अधिक घर होते हैं, इस मांग को बढ़ा रहे हैं.
ब्याज दरों का असर नहीं
आरबीआई द्वारा 2.5 फीसदी तक ब्याज दरें बढ़ाने के बावजूद, भारत के प्रॉपर्टी बाजार पर इसका असर नहीं पड़ा है. अमीर लोगों ने कीमतों को और ऊपर धकेल दिया है. करीब 12 प्रतिशत अमीर इस साल एक और घर खरीदने की योजना बना रहे हैं.
किफायती घर खरीदने की चुनौती
पहली बार घर खरीदने वालों के लिए किफायती घरों को लेकर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है. 10 लोगों का मानना है कि यह स्थिति सुधरेगी, जबकि 8 का कहना है कि यह और खराब होगी, खासतौर पर औसत आय वालों के लिए.
आय बनाम घरों की कीमतें
10 लाख रुपये से कम आय वालों के लिए बड़े शहरों में घर खरीदना मुश्किल है, जबकि नौकरियों के अवसर इन्हीं शहरों में ज्यादा हैं. इससे किफायती घर दूर-दराज के इलाकों में चले जाते हैं, जहां से काम पर आना-जाना व्यावहारिक नहीं होता.
किरायों में वृद्धि
विशेषज्ञों के अनुसार, अगले साल शहरी घरों के किराए में 6.5 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी, जो उपभोक्ता महंगाई दर से ज्यादा होगी. अगले दो वित्तीय वर्षों में महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है.