जब एकाएक सूख गया वेनिस
वेनिस शहर है नहरों का. सड़कों की जगह नहरें हैं और कारों की जगह नावें. लेकिन कभी कभी होता यूं है कि बहुत सी नहरें एकदम सूख जाती हैं. देखिए, तब का वेनिस कैसा दिखता है...
जब सूख गया वेनिस
एकदम ऐसा हुआ कि वेनिस की कई नहरें सूख गईं. पानी उतर गया और नाव जहां की तहां थम गईं.
150 नहरें
वेनिस में छोटी-बड़ी कुल 150 नहरें हैं जिनमें सबसे बड़ी है ग्रांड कनाल. जो पहले एक नदी हुआ करती थी. इसके अगल-बगल छोटी-बड़ी नहरें हैं.
तीन बड़ी नहरें
ग्रांड कनाल के अलावा दो और बड़ी नहरें हैं जुडेचा और कनारेजियो. ये तीनों नहरें पूरे शहर को अलग-अलग हिस्सों में बांट देती हैं.
भाटे का असर
ऐसा अक्सर तब होता है जब भाटे की चरम अवस्था यानी लो टाइड होती है. तब बहुत सी नहरों का पानी उतर जाता है.
कैसे बनीं नहरें
ये सारी नहरें लोगों ने नहीं बनाई हैं. दरअसल इस जगह लगभग 120 छोटे छोटे द्वीप थे जिनके बीच में पानी बहता था. धीरे-धीरे शहर बन गया तो पानी को रास्ता बना लिया गया.
ज्वार भाटा
वेनिस में ज्वार और भाटे का असर एकदम दिखता है. जब पानी चढ़ता है तो मुख्य चौराहे पर घुटने तक पानी हो जाता है. और जब उतरता है तो ये तस्वीर दिखा रही है कि हाल क्या होता है.
गोंदोला
इन नहरों में चलने वाली विशेष नावों को गोंदोला कहा जाता है. ये पर्यटकों का आकर्षण है और शहर की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा भी.
सार्वजनिक बसें भी
इन नहरों पर टैक्सी और बसें भी चलती हैं, नावों की शक्ल में. तो पानी उतरने का मतलब आप समझ ही सकते हैं.