देखिए, ये हैं भारत में मौजूद विश्व धरोहर
यूनेस्को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और सामाजिक महत्व के स्थलों को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल करती है. भारत में अभी ऐसे 36 स्थल है जिन्हें विश्व धरोहर घोषित किया गया है. एक नजर इनमें से कुछ अहम स्थलों पर.
काजीरंगा नेशनल पार्क
असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान दुनिया भर में एक सींग वाले गैंडों के लिए मशहूर है. वैसे यहां बाघ और अन्य जीव भी खूब पाए जाते हैं.
ताज महल
सफेद संगमरमर से बनी यह इमारत दुनिया भर में मोहब्बत की निशानी के तौर पर मशहूर है. 1983 में इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया.
बोध गया
बिहार में स्थित बोध गया दुनिया भर के बौद्ध श्रद्धालुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में गिना जाता है. बताते हैं कि यहीं गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था.
हुमायूं का मकबरा
मुगल बादशाह हुमायूं का मकबरा 1993 में विश्व धरोहर घोषित किया गया. दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित इस इमारत को हुमायूं की पहली रानी बेगा बेगम ने बनवाया था.
कुतुब मीनार
दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब मीनार का निर्माण 1192 में दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबद्दीन ऐबक ने शुरू कराया जिसे 1220 में उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने पूरा कराया.
दिल्ली का लाल किला
मुगल बादशाह शाहजहां ने 1639 में लाल किले का निर्माण कराया. इसे 2007 में विश्व धरोहर घोषित किया गया. भारत के स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से ही प्रधानमंत्री का संबोधन होता है.
हम्पी
कर्नाटक में स्थित हम्पी 14वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य का केंद्र हुआ करता था. आज भी यहां मौजूद मंदिर और परिसर गौरवशाली अतीत की याद दिलाते हैं.
खजुराहो
खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में हैं. कामुक प्रतिमाओं वाले ये मंदिर दुनिया भर के सैलानियों को अपनी तरफ खींचते हैं. इनका निर्माण चंदेल साम्राज्य के शासनकाल में 950 से 1050 ईसवी के बीच हुआ.
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
मुंबई के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का नाम पहले विक्टोरिया टर्मिनस था. 1887 में बना यह स्टेशन आज सेंट्रल रेलवे का मुख्यालय है. 2004 से यह यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में है.
महाबलीपुरम
तमिलनाडु में स्थित महाबलीपुरम में 400 प्राचीन स्मारक और हिंदू मंदिर हैं. इनका निर्माण पल्लव साम्राज्य के शासनकाल के दौरान सातवीं और आठवीं सदी के बीच हुआ था.
नालंदा
बिहार में स्थित नालंदा में प्राचीन विश्वविद्यालय के अवशेष मौजूद हैं जो पांचवी सदी से 1200 तक ज्ञान का एक महत्वपूर्ण केंद्र था. इसका निर्माण गुप्तकाल में किया गया था.
कंचनजंघा
कंचनजंघा दुनिया में तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है जिसका एक हिस्सा नेपाल में और दूसरा हिस्सा सिक्किम में है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 8,586 मीटर है.
पुराना अहमदाबाद
अहमदाबाद शहर का पुराना और ऐतिहासिक हिस्सा जुलाई 2017 से विश्व धरोहर है. इसे गुजरात सल्तनत के अहमद शाह प्रथम ने बसाया था. यह गुजरात सल्तनत की राजधानी था.
पश्चिमी घाट
पश्चिमी घाट पर्वतों की एक श्रृंखला है जो भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट के साथ समांतर रूप से चलती है. ये श्रृंखला गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू हो कर गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु तक फैली है.
सुंदरबन
बंगाल की खाड़ी के तटीय इलाकों में फैले विशाल वनों को सुंदरबन कहा जाता है. इसे 1997 में बांग्लादेश से यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया. लेकिन इसका काफी हिस्सा भारत में भी है.
नंदा देवी
नंदा देवी भारत की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी है जबकि दुनिया में सबसे ऊंची चोटियों के मामले में यह 23वें नंबर पर आती है. 1988 में इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया.
सांची का स्तूप
सांची स्तूप का निर्माण ईसा पूर्व तीसरी सदी में सम्राट अशोक ने कराया था. भोपाल से पूर्वोत्तर में 46 किलोमीटर दूर स्थित ईटों से बना यह स्तूप एक अहम बौद्ध तीर्थ स्थल है.
अजंता की गुफाएं
अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं. गुफाओं की दीवारों पर बने चित्र और आकृतियां प्राचीन भारतीय कला की बेहतरीन मिसाल पेश करती हैं.
एलोरा की गुफाएं
एरोला दुनिया भर में चट्टानों को काट कर बनाए गए सबसे बड़े मंदिर और गुफा परिसरों में से एक है. इनका निर्माण 600 से 1000 ईसवी के बीच हुआ और इन्हें विश्व धरोहर का दर्जा 1983 में मिला.
एलिफेंटा गुफाएं
एलिफेंटा में भी चट्टानों को काट कर बनाए मंदिर और गुफाएं हैं. यहां स्थित मंदिर मुख्य रूप से हिंदू देवता शिव को समर्पित हैं. ये गुफाएं मुंबई के पास ही स्थित हैं.
सूर्य मंदिर
ओडिशा के कोणार्क में स्थित सूर्य मंदिर का निर्माण 13वीं सदी में हुआ था. मंदिर सूर्य को समर्पित है और इसे रथ की आकृति में बनाया गया है. 1984 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी.
जंतर मंतर
जयपुर का जंतर मंतर 19 खगोलीय इमारतों का समूह है जिनका निर्माण राजपूत राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने कराया था. ये यंत्र समय मापने, तारों की गति और स्थिति जानने और ग्रहण की भविष्यवाणी करने में सहायक हैं.
आगरा का किला
भारत के मुगल सम्राट बाबर, हुमायुं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब इसी किले में रहा करते थे और यहीं से पूरे भारत पर शासन करते थे. यह ताजमहल से लगभग ढाई किलोमीटर दूर स्थित है.
फतेहपुर सीकरी
मुगल बादशाह अकबर ने 1571 में मुगल साम्राज्य की राजधानी के तौर पर फतेहपुर सीकरी की स्थापना की थी. लेकिन 1610 में पानी की कमी के कारण राजधानी फिर से आगरा ले जानी पड़ी.
गोवा को चर्च
कभी पुर्तगाली उपनिनेश रहे गोवा के चर्च भी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं. ओल्ड गोवा इलाके में कई पुराने चर्च हैं, जिनकी वास्तुकला दुनिया भर के सैलानियों को खींचती है.