अलविदा कास्त्रो
क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो ने 90 साल की उम्र में 25 नवंबर 2016 को दुनिया को अलविदा कह दिया. एक नजर उनके जीवन पर.
महान क्रांतिकारी
फिदेल कास्त्रो का नाम उन बड़े नेताओं में शामिल है, जिनके लिए इतिहास में 20वीं सदी को जाना जाएगा.
आलोचना
कास्त्रो ने लगभग पचास साल तक क्यूबा पर एकछत्र राज किया. उनके समर्थक जहां समाजवाद को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं, वहीं विरोधियों का कहना है कि उन्होंने अपने आलोचकों का उत्पीड़न और शोषण किया.
मौत पर जश्न
अमेरिका के मियामी में रहने वाले क्यूबा मूल के बहुत से लोगों ने फिदेल कास्त्रो की मौत पर जश्न मनाया. मियामी को लिटिल हवाना कहा जाता है.
अमीर किसान के बेटे
कास्त्रो का पूरा नाम फिदेल अलेयांद्रो कास्त्रो रूज था और उनका जन्म 13 अगस्त 1926 को हुआ था. उनके पिता एंजेल मारिया बाउतिस्ता कास्त्रो ई एरगिज एक अमीर किसान थे जो स्पेन से क्यूबा में जाकर बसे थे.
नाजायज संतान
फिदेल जन्म के समय अपने पिता की नाजायज संतान थे. उनकी मां लिना रुज गोंजालेज फिदेल कास्त्रो के पिता के फार्म पर नौकरी करती थीं. दोनों की दोस्ती हो गई. फिदेल के जन्म के बाद दोनों ने शादी कर ली.
शानदार वक्ता
कास्त्रो पढ़ाई में ज्यादा अच्छे नहीं थे, उनका मन खेलकूद में ज्यादा लगता था. हवाना यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए 1940 में कास्त्रो एक राजनीतिक कार्यकर्ता बन गए थे. वह गजब के वक्ता थे.
सरकार के आलोचक
उनके निशाने पर होती थी क्यूबा की सरकार, जिसका नेतृत्व राष्ट्रपति रोमोन ग्राउ कर रहे थे. उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के बहुत आरोप थे.
पूंजीवाद से समस्या
फिदेल कास्त्रो मानते थे कि क्यूबा की आर्थिक समस्याओं की वजह बेतहाशा पूंजीवाद है और इसका हल सिर्फ एक जनक्रांति है.
तख्तापलट
1952 में फुलजेंसियो बातिस्ता ने सैन्य तख्तापलट में क्यूबा के राष्ट्रपति कारलोस प्रियो को सत्ता से बाहर कर दिया. लेकिन अमेरिका से उनकी नजदीकी और समाजवादी संगठनों पर कार्रवाई ने कास्त्रो की बुनियादी राजनीतिक सोच पर चोट की.
द मूवमेंट
कानूनी रूप से लड़ाई में नाकाम रहने के बाद कास्त्रो ने द मूवमेंट नाम से एक संगठन बनाया ताकि भूमिगत रह कर बातिस्ता सरकार को उखाड़ा जा सके.
हमला नाकाम
कास्त्रो ने जुलाई 1953 में सेंटियागो के पास मोनकाडा आर्मी बैरकों से हथियार लूटने की योजना बनाई. लेकिन हमला नाकाम रहा. बहुत से क्रांतिकारी मारे गए. कास्त्रो को जेल हुई. हालांकि 15 साल की सजा के बावजूद उन्हें सिर्फ 19 महीने ही जेल में काटने पड़े क्योंकि कैदियों को आम माफी के दौरान उन्हें भी रिहा कर दिया गया.
चे से मुलाकात
विरोधियों के खिलाफ बातिस्ता की कार्रवाई से बचने के लिए कास्त्रो मैक्सिको चले गए जहां उनकी मुलाकात एर्नेस्टो चे गुएरा नाम के एक युवा क्रांतिकारी से हुई.
गुरिल्ला युद्ध
1956 में कास्त्रो 81 सशस्त्र साथियों के साथ क्यूबा लौटे. उन्होंने सिएरा माइस्त्रा की पहाड़ियों में शरण ली और दो साल तक सरकार के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध चलाते रहे.
मिली सत्ता
2 जनवरी 1959 को विद्रोही सेना क्यूबा की राजधानी में दाखिल हुई और बातिस्ता को भागना पड़ा.
गरीबों के लिए
नई सरकार में राउल कास्त्रो को प्रधानमंत्री का पद मिला. सरकार ने लोगों को उनकी जमीनें वापस देने और गरीबों के लिए हितों के काम करने का वादा किया.
एक पार्टी का शासन
लेकिन देश में एक पार्टी वाला शासन लागू किया गया. हजारों लोगों को जेल भेजा गया जबकि कुछ लोग लेबर कैंपों में भेजे गए. मध्य वर्ग के हजारों लोगों ने क्यूबा छोड़ दिया.
साजिशें
बताते हैं कि अमेरिका ने कई बार कास्त्रो की हत्या की साजिश रची और उनकी सरकार को गिराने की कोशिश भी की गई. लेकिन उन्हें हर बार नाकामी हाथ लगी.
सत्ता छोड़ी
कास्त्रो 2008 में बिगड़ती तबियत के कारण राष्ट्रपति पद से हट गए. उनके छोटे भाई राउल कास्त्रो ने देश की बागडोर संभाली.
कास्त्रो मतलब क्यूबा
अब क्यूबा की सरकार के साथ अमेरिका के रिश्ते बेहतर हो रहे हैं. लेकिन एक पीढ़ी के लिए कास्त्रो का मतलब क्यूबा था और कास्त्रो का मतलब क्यूबा.