अक्षय ऊर्जा से चमकने की चाह में हैं ये देश
दुनिया भर के देश तेजी से अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़ा रहे हैं या फिर ऐसी योजनाएं शुरू कर रहे हैं जिससे स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे. इस मामले में चीन बाकी देशों से कहीं आगे है.
चीन
चीन में दुनिया के सबसे बड़े सोलर फार्म मौजूद हैं और वह अपनी नवीकरणीय क्षमता को इतनी तेजी से बढ़ा रहा है कि वह बाकी देशों से कहीं आगे है. जून में झिंजियांग क्षेत्र में मिडोंग सौर ऊर्जा परियोजना को चालू किया गया, जिसकी क्षमता 3.5 गीगावाट है. इस परियोजना को चीन की अब तक की सबसे बड़ी परियोजना बताया जा रहा है.
भारत
गुजरात के खावड़ा में एक विशाल सौर और पवन परियोजना का निर्माण हो रहा है जिसके 2027 के आसपास पूरी तरह चालू होने पर इसकी क्षमता 30 गीगवाट होने का अनुमान है. इस विशाल साइट को विकसित करने वाली कंपनियों में से एक अदाणी ग्रीन एनर्जी के मुताबिक इस साइट पर बिजली बननी पहले ही शुरू हो चुकी है और अदाणी ग्रीन इस प्लांट में 551 मेगावाट कैपेसिटी का ऑपरेशन शुरू चुकी है.
संयुक्त अरब अमीरात
संयुक्त अरब अमीरात ने साल 2023 संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता की मेजबानी से कुछ हफ्ते पहले 2 गीगावाट अल धफरा सौर संयंत्र का उद्घाटन किया था. यह प्लांट राजधानी अबू धाबी के दक्षिण में 21 वर्ग किलोमीटर रेगिस्तान में फैला हुआ है. इस प्लांट से पैदा होने वाली बिजली से 1,60,000 घरों को ऊर्जा की सप्लाई हो सकती है. यूएई का लक्ष्य अगले सात सालों में अपनी अक्षय ऊर्जा को तीन गुना करना है.
मिस्र
असवान शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर पश्चिमी रेगिस्तान में बना मिस्र का बेनबन सोलर पार्क 2019 में राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ गया था. इसे अक्सर अफ्रीका की सबसे बड़ी सौर परियोजना और दुनिया की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक के रूप में गिना जाता है. इसकी क्षमता लगभग 1.5 गीगावाट है. वर्ल्ड बैंक ने इसके लिए चार अरब डॉलर की फंडिंग की है. यूएन के मुताबिक यह पार्क 4,20,000 घरों को बिजली सप्लाई करने में सक्षम है.
अमेरिका
अमेरिका में सबसे बड़े प्रस्तावित सौर फार्मों में से एक चिल सन सोलर प्रोजेक्ट है. प्रस्तावित सौर फार्म से 2.25 गीगावाट बिजली का उत्पादन हो पाएगा. इसका निर्माण नेवादा राज्य में हो रहा है, जहां पहले से ही कई दर्जन छोटे सौर संयंत्र मौजूद हैं.
मौजूद हैं कोयले का विकल्प
पवन और सौर ऊर्जा संयंत्र मिलकर दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरी कर सकते हैं. पवनचक्कियां 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली हवाओं से बिजली पैदा करती हैं. तीखी धूप वाले इलाकों में सौर प्लेटें सबसे सस्ता ऊर्जा स्रोत हैं. इक्वेटर से और उत्तर और दक्षिण की ओर, पवन और सौर ऊर्जा की मिलीजुली जरूरत होती है. हवादार इलाकों में खासकर, पवनचक्कियां ऊर्जा का सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत बन सकती हैं.
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से बढ़ता भारत
"ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2024" रिपोर्ट के मुताबिक भारत, 2023 में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन गया. भारत 2015 की तुलना में नौवें स्थान से बढ़कर तीसरे स्थान पर आ गया है. एए/वीके (एएफपी)