नींबुओं का उत्सव
फ्रांस के मेंतों में हर साल फरवरी में मनाया जाता है नींबू उत्सव. 15 दिन चलने वाले इस उत्सव में दो लाख से ज्यादा लोग पहुंचते हैं. ऐसा क्या खास है इसमें, चखिए...
नींबुओं का शहर
फ्रांस के दक्षिण में एक छोटा सा शहर है मेंटोन. करीब 30 हजार की आबादी वाले इस कस्बे की खटास दुनियाभर में मशहूर है, अपने नींबू उत्सव के लिए.
काचा-काचा नींबूड़ा
इस मौके पर पूरा शहर नींबू और उस जैसे दूसरे खट्टे रसदार फलों से लद जाता है. हर चीज नींबू-नींबू हो जाती है.
1934 से जारी
नींबुओं का यह उत्सव 1934 में नीस कार्निवाल का मुकाबला करने के मकसद से शुरू हुआ था. नीस शहर का कार्निवाल मशहूर हो रहा था और मेंटोन के लोगों को लगा कि उन्हें भी कुछ करना चाहिए.
पहली प्रदर्शनी
पहला उत्सव एक प्रदर्शनी के रूप में आयोजित हुआ था. स्थानीय होटल मालिकों ने होटल मेंटोन रिविएरा गार्डन्स में फूलों और खट्टे फलों की प्रदर्शनी लगाई थी.
नींबू की मूर्ति
पहली प्रदर्शनी का जिम्मा फ्रांस्वा फेरी के कंधो पर था. उन्होंने नींबुओं से विशाल मूर्तियां बनाईं जिनकी खूब तारीफ हुई. और बस, सिलसिला शुरू हो गया. तब से हर साल नींबुओं, संतरों और मौसमियों की विशालकाय मूर्तियां बनाई जाती हैं.
डेढ़ सौ टन नींबू
बताते हैं कि हर साल 400 से ज्यादा लोग मिलकर 30-30 फुट ऊंचीं मूर्तियां बनाते हैं जिनके लिए लगभग डेढ़ सौ टन नींबू और संतरे प्रयोग होते हैं.
दो लाख दर्शक
इस उत्सव को देखने करीब दो लाख लोग पहुंचते हैं. इस दौरान हर होटल भरा रहता है और लोगों को दूर जाकर भी रहना पड़ता है. लोग महीनों पहले बुकिंग शुरू कर देते हैं.
परेड का आकर्षण
फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण परेड होती हैं, जिनमें नाच-गाना, कलाबाजियां और करतब होते हैं और नींबुओं से बनीं महाकाय झांकियां गुजरती हैं.
नींबुओं पर गर्व है
मेंतों और आसपास के इलाके में करीब 100 तरह के फल होते हैं लेकिन अपने नींबुओं पर इस इलाके के लोगों को खास गर्व है. यहां हर साल 150 मीट्रिक टन नींबू पैदा होते हैं. और कहते हैं कि पेड़ से सीधा तोड़कर खाये नींबू का जैसा स्वाद यहां आता है, वैसा कहीं नहीं है.