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जर्मन चुनाव: अंतिम टीवी डिबेट में भिड़े सभी उम्मीदवार

मार्क हाल्लम
२४ सितम्बर २०२१

जर्मनी के सभी सात मुख्य दलों के उम्मीदवारों ने आखिरी टेलीविजन बहस में भाग लिया. यह बहस मतदान से तीन दिन पहले हुई. लेकिन अब भी चुनाव के नतीजों के बारे में कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा जा सकता है.

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ARD Schlussrunde I Wahlen 2021
तस्वीर: Tobias Schwarz/POOL/AFP/Getty Images

सभी प्रमुख जर्मन नेता गुरुवार शाम एक बहस में आखिरी बार भिड़े. इस विस्तृत बहस के दौरान कोई भी एक-दूसरे पर ढंग से वार नहीं कर सका. यह आखिरी मुकाबला पहले की बहसों से इस मायने में अलग रहा कि इसमें सात नेताओं को आमंत्रित किया गया था, जबकि पहले की बहसों में सिर्फ तीन मुख्य पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया जाता था. इस बहस में चांसलर पद के उम्मीदवारों ग्रीन्स पार्टी की अनालेना बेयरबॉक, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के ओलाफ शॉल्त्स और क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीयू) के आर्मिन लाशेट के साथ फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी(एफडीपी) के क्रिश्चियन लिंडनर, सीडीयू की बावेरियाई सहयोगी पार्टी सीएसयू के मार्कुस सोएडर, और अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) की एलिस वीडेल और लेफ्ट पार्टी की जेनीन वीजलर भी शामिल हुईं.
खासकर सोएडर की उपस्थिति ने कुछ लोगों का ध्यान खींचा. इसे लेकर आलोचना भी हुई कि कंजर्वेटिव धड़ा लड़ाई के लिए दो लोगों को आगे भेज रहा है. सीएसयू नेता, जिन्होंने खुद को चांसलर उम्मीदवार के तौर पर सामने रखा, वे लाशेट की टीम में भी जुड़ सकते हैं, जिनका चुनावी अभियान अच्छा नहीं चल रहा है.
यह बहस ऐसे समय में हुई जब अंतिम ओपिनियन पोल दिखा रहा है कि चुनाव के नतीजे काफी करीबी होंगे और साफ साफ इनके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. साथ ही नतीजों के बाद संभावित गठबंधनों को लेकर भी काफी अनिश्चितता है. टीवी चैनल जेडडीएफ की ओर से गुरुवार को आए नए आंकड़ों में एसपीडी 25 फीसदी मतों के साथ सबसे आगे है, सीडीयू/सीएसयू 23 फीसदी के साथ इससे थोड़े ही पीछे हैं, ग्रीन्स 16.5 फीसदी मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं. इसके बाद एफपीडी 11 फीसदी, एएफडी 10 फीसदी और लेफ्ट पार्टियों को 6 फीसदी मत मिले हैं. जो भी हो, यह साफ है कि सरकार बनाने के लिए बहुत मोलतोल होगा और पार्टियों को कड़े समझौते करने पड़ेंगे.

जलवायु परिवर्तनः मांस कम, इलेक्ट्रिक गाड़ियां
इस बहस के सबसे प्रमुख विषयों में से एक रहा- जलवायु परिवर्तन. लेकिन बड़े स्तर पर नीति संबंधित मुद्दों पर बात होने के बजाए खुद इन नेताओं ने अपने जीवन में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए क्या कदम उठाए, इस पर ज्यादा चर्चा हुई. लाशेट ने स्थानीय लहजे में कहा, "मैं एक इलेक्ट्रिक कार चलाता हूं और मुझे मजा आ रहा है." लाशेट और मार्कस जूडर दोनों ने ही इसका भी जिक्र किया कि वे कम मीट खा रहे हैं हालांकि उन्होंने इसे पूरी तरह से छोड़ा नहीं है. इस बीच ग्रीन्स पार्टी की अनालेना बेयरबॉक ने जवाब दिया कि वे चुनावी अभियान के दौरान पिछले सात हफ्तों से "बस से यात्रा कर रही हैं, और जब जरूरी हो तब रात में यात्रा कर रही हैं" ताकि उन्हें छोटी दूरी के लिए घरेलू उड़ानें ना लेनी पड़ें.
फ्री मार्केट की पैरोकार पार्टी एफडीपी के क्रिश्चियन लिंडनर ने अपने आपको "क्लाइमेट न्यूट्रल" बताते हुए, अपनी पहचान एक फाइनेंस एक्सपर्ट के रूप में बनाने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि किस तरह वे हर साल अपने कार्बन फुटप्रिंट को डिलीट करने के लिए सीओटू सर्टिफिकेट खरीदते हैं. एएफडी की वीडेल ने कहा कि जहां संभव होता है, वे अपनी कार के बजाए साइकिल इस्तेमाल करती हैं, जबकि लेफ्ट पार्टी की वीजलर ने कहा कि वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करती हैं और घर में भी ऊर्जा का सीमित प्रयोग करने की कोशिश करती हैं.

सोशल डेमोक्रेट्स के ओलाफ शॉल्त्स अपनी चिर परिचित रणनीति के तहत ही बोले कि वे जहां तक संभव हो स्थानीय उत्पाद ही खरीदते हैं. लेकिन उन्होंने भी कहा कि एक राजनेता के तौर पर जो सुरक्षा दस्तों के साथ यात्राएं करता हो और कई विमानों की सवारी करता हो, यह सुझाव देना कि पर्यावरण पर व्यक्तिगत प्रभाव को कम करने के मामले में उन्हें एक रोल मॉडल माना जाए, यह समझदारी नहीं होगी.

जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कैसे किया जाए, इस निश्चित सवाल पर सात में से छह पार्टियों ने नीतियों में बदलाव के जरिए इससे निपटने का सुझाव दिया लेकिन इस लक्ष्य को पाने के तरीकों में अक्सर अंतर दिखा और कई बार यह अंतर काफी स्पष्ट था. ग्रीन और लेफ्ट दोनों ही पार्टियों ने तय समयसीमा से पहले जर्मनी में कोयले से बिजली बनाना बंद करने का आह्वान किया. फिलहाल 2038 तक ऐसा करने का लक्ष्य रखा गया है.
शॉल्त्स ने अक्षय ऊर्जा क्षमताओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया. लाशेट ने रसायनों और इस्पात उद्योगों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता की बात कही. केवल एएफडी की एलिस वीडेल ने ग्लोबल वॉर्मिंग के पीछे इंसान का हाथ होने पर सवाल उठाए और नई पीढ़ी के न्यूक्लियर पावर प्लांट्स लगाने की बात कही. उन्होंने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उठाए कदमों से जर्मन उद्योगों को होने वाले नुकसानों के प्रति चेताया भी.

विदेश नीतिः रक्षा खर्च, ऑकुस, नॉर्डस्ट्रीम 2, चीन विदेश नीति
गुरुवार की बहस प्रमुखता से ऐसी पहली बहस रही, जिसमें विदेश नीति से जुड़े मुद्दों को अच्छा-खासा समय दिया गया. रक्षा खर्चों और नाटो के लिए जीडीपी के 2 फीसदी के लक्ष्य पर मुख्य रूप से बंटवारा दिखा, खासकर वामपंथी झुकाव वाली पार्टियों में. वित्त मंत्री ओलाफ शॉल्त्स ने "आर्थिक सच्चाईयों के दायरे में रहकर" रक्षा खर्च बढ़ाने की वकालत की. जबकि लेफ्ट की वीजलर ने इसका यह कहते हुए सीधा विरोध किया कि निश्चित तौर पर "ज्यादा हथियार दुनिया को ज्यादा सुरक्षित नहीं बनाएंगे" और धन की किसी और जगह पर ज्यादा जरूरत है.

ओलाफ शॉल्त्स ने इस बात पर भी जोर दिया कि जर्मनी के फ्रांस के साथ करीबी रिश्ते हैं और कहा कि वे और केंद्रीय सरकार, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच हुए ऑकुस गठबंधन पर विरोधों को बहुत अच्छे से समझ सकते हैं, जिसके चलते कैनबरा के साथ फ्रेंच सबमरीन समझौता खत्म हो गया है.

सीडीयू के लाशेट से पूछा गया कि क्या वे जर्मनी आने वाली रूस की नार्डस्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन का काम शुरू करना चाहते हैं- यह पूर्वी यूरोपियन यूनियन के देशों और अमेरिका के साथ, जर्मनी का एक विवादास्पद मुद्दा रहा है. यूं तो यह एक 'हां या नहीं' में जवाब देने वाला सेगमेंट था, लेकिन लैशेट ने इसका लंबा जवाब दिया.
लाशेट ने कहा, "हां, हमें आर्थिक प्रोजेक्ट की जरूरत है क्योंकि अगर हम दूसरी तरह की ऊर्जा का इस्तेमाल रोक रहे हैं तो हमें गैस की जरूरत होगी." फिर उन्होंने एक चेतावनी दी, "मेरे लिए ज्यादा जरूरी यह है कि सरकार की सहमति किस रुख को लेकर है, यानी इस गैस लाइन के यूक्रेन से गुजरने से उसे कोई नुकसान नहीं होना चाहिए. अगर रूस इस समझौते का उल्लंघन करता है तो सौदा तुरंत ही रोक दिया जाएगा."

बीजिंग के साथ व्यापार संबंधों और मानवाधिकारों के मुद्दों पर संतुलन बनाने के मामले में हुई बहस के दौरान एलिस वीडल के चीन में पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई का जिक्र भी आया. एएफडी उम्मीदवार ने इस मुद्दे पर सबसे खुले दृष्टिकोण की वकालत की और "चीन के साथ संबंधों में ढील" की बात कही. ग्रीन्स की बेयरबॉक ने चीन पर सख्त रुख अपनाने का आग्रह किया और "चीन के लिए सामूहिक यूरोपीय नीति" का आह्वान किया. जबकि एफडीपी के लिंडनर ने कहा कि जर्मनी को अपने व्यापारिक हितों और अपने मूल्यों के लिए जरूर खड़े होना चाहिए.

घरेलू मुद्देः कोविड, लॉकडाउन, वित्त, आवास
इन मुद्दों पर बहस इस हफ्ते की एक खबर से शुरू हुई, जिसमें एक गैस स्टेशन के कर्मचारी की गोली मारकर इसलिए हत्या कर दी गई क्योंकि उसने कस्टमर को अनिवार्य तौर पर कोविड फेस मास्क पहनने के लिए कहा था.इसने सुरक्षा के मुद्दों पर बहस छेड़ दी, जिसमें लोगों ने पुलिस की रणनीति से लेकर बंदूकों से जुड़े कानून, कोविड प्रतिबंधों और ऑनलाइन कट्टरता और सोशल मीडिया की भूमिका जैसे विषयों पर बात रखी.
बेयरबॉक और लाशेट दोनों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया की बड़ी कंपनियों से अभद्र भाषा और चरमपंथी सामग्री पर नकेल कसने को कहा. बेयरबॉक ने पूरे चुनावी अभियान के दौरान उनकी पार्टी को निशाना बनाने वाले कुछ विशेष अभियानों का जिक्र भी किया.

लेफ्ट पार्टी की वीजलर ने जर्मनी की घरेलू खुफिया सेवाओं के पुनर्गठन की मांग करते हुए कहा कि पिछले घोटलों में कट्टर दक्षिणपंथी जासूस शामिल रहे हैं, जो दिखाता है कि सेवाएं अपने उद्देश्यों के उपयुक्त नहीं है. जूडर ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश पोस्ट करने के लिए एएफडी पर हमला बोला, जिसने कोविड पर संदेह को भड़काने का काम किया था. लेकिन उन्होंने वामपंथी पार्टी पर भी लॉ इंफोर्समेंट को कमजोर करने के उद्देश्य रखने का आरोप लगाया. इस बीच वीडेल ने सवाल किया कि क्या महामारी के दौरान लॉकडाउन प्रतिबंध और अन्य कड़े उपाय कानून के अनुरूप थे.

महामारी में अतिरिक्त उधार लेने के अलावा आवास, सार्वजनिक खर्च और सार्वजनिक ऋण सहित घरेलू नीतियों के कई ऐसे मुद्दे बहस में शामिल रहे, जिन पर उम्मीदवारों के बीच अहसमति रही. जिससे यह समझ आया कि रविवार को होने वाले मतदान के बाद समझौतों का दौर कितना मुश्किल हो सकता है.

गुरुवार को हुई बहस में शामिल सात राजनेताओं में से जो भी भविष्य की सरकार में भाग लेंगे, उन्हें किसी बात के लिए प्रतिबद्ध होने से पहले अपने प्रतिद्वंदियों से कई समझौते करने पड़ेंगे.

ARD Schlussrunde I Wahlen 2021 I Markus Soeder
मार्कुस सोएडरतस्वीर: Clemens Bilan/Pool/Getty Images
ARD Schlussrunde I Wahlen 2021 I Janine Wissler
जेनीन विसलर तस्वीर: Clemens Bilan/Pool/Getty Images
ARD Schlussrunde I Wahlen 2021 I
अनालेना बेयरबॉकतस्वीर: Clemens Bilan/Pool/Getty Images
ARD Schlussrunde I Wahlen 2021 I Armin Laschet
आर्मिन लाशेटतस्वीर: Clemens Bilan/Pool/Getty Images
ARD Schlussrunde I Wahlen 2021 I Olaf Scholz
ओलाफ शॉल्त्सतस्वीर: Clemens Bilan/Pool/Getty Images