60 लाख डॉलर में बिका गिटार
२२ जून २०२०सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या ने मनोरंजन जगत के उन सभी नामों को एक बार फिर याद दिला दिया है जिन्होंने करियर की बुलंदी पर पहुंचने के बाद भी अपने जीवन का अंत करने का फैसला किया. अमेरिकी गायक कर्ट कोबेन भी उन्हीं में से एक हैं. 27 साल की उम्र में इन्होंने अपनी जान ले ली थी. इससे कुछ पांच महीने पहले 18 नवंबर 1993 को कर्ट कोबेन ने एमटीवी के एक लाइव प्रोग्राम में परफॉर्मेंस दिया था. यूट्यूब पर इस परफॉर्मेंस को 30 करोड़ बार देखा जा चुका है. 90 के दशक में जब इस लाइव परफॉर्मेंस को एल्बम के रूप में रिलीज किया गया था, तो यह तब तक का सबसे ज्यादा बिकने वाला एल्बम बन गया था. इतना ही नहीं, 1996 में इसे ग्रैमी अवार्ड भी मिला.
इसी परफॉर्फेंस के दौरान उन्होंने जो गिटार बजाया, उसकी 60 लाख डॉलर में नीलामी हुई है. इस मार्टिन डी-18ई अकूस्टिक गिटार की नीलामी 10 लाख डॉलर से शुरू हुई थी. ऑस्ट्रेलिया की रोड्स माइक्रोफोन कंपनी के मालिक पीटर फ्रीडमैन ने आखिरकार इसे खरीदा.
कोबेन का निर्वाना बैंड आज भी दुनिया के सबसे पॉपुलर म्यूजिक बैंड में गिना जाता है. उनकी खास बात यह थी कि वे गिटार उल्टे हाथ से बजाते थे, जबकि वे खब्बू थे नहीं. कोई नहीं जानता कि गिटार बजाने के लिए उन्होंने बायां हाथ क्यों चुना. अपनी एमटीवी परफॉर्मेंस के लिए उन्होंने पांच हजार डॉलर में एक लिमिटेड एडिशन वाला गिटार खरीदा था और फिर उल्टे हाथ से बजाने के लिए उसमें बदलाव कराए थे. दुनिया में इस मॉडल के कुल 302 ही गिटार मौजूद हैं और इस तरह के अनोखे बदलाव वाली सिर्फ एक. यही बात इस गिटार को इतना खास बनाती है.
अमेरिका के जूलियन ऑक्शन हाउस में हर साल मनोरंजन जगत के सितारों के सामान की नीलामी होती है. पिछले साल उसी एमटीवी परफॉर्मेंस के दौरान पहना कोबेन का सलेटी रंग का स्वेटर 3,34,000 डॉलर में बिका था. इस साल कोबेन के साथ साथ यहां मडोना, एल्विस प्रेस्ली और प्रिंस का सामान भी रखा गया था लेकिन किसी की भी कीमत इतनी ज्यादा नहीं मिली, जितनी कोबेन के गिटार की.
दुनिया के बेहतरीन संगीतकारों में से एक गिने जाने वाले कर्ट कोबेन डिप्रेशन का शिकार थे. अप्रैल 1994 में उन्होंने गोली मार कर अपनी जान ले ली थी. आत्महत्या से कुछ ही दिन पहले वे यूरोप में एक बहुत बड़ा और सफल टूयर कर के लौटे थे. लेकिन अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि उन्हें लंबे समय से संगीत रचने में मजा नहीं आ रहा था. जिस शख्स के रचे संगीत से दुनिया दीवानी हो रही थी, उसे अपने ही संगीत से खुशी नहीं मिल पा रही थी.
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