कुलभूषण की फांसी पर रोक लगी
१८ मई २०१७कुलभूषण जाधव एक भारतीय नागरिक है जिसे पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण भारत का जासूस है और उसने खुद इस बात को कबूल किया है कि वह पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है. वहीं, भारत ने कुलभूषण को जासूस बताने वाली बात को मानने से इनकार कर दिया है. उसका कहना है कि कुलभूषण भारतीय नौसेना का एक पूर्व अधिकारी है जो ईरान के चाबहार में अपना कारोबार कर रहा था. उसे अगवा कर झूठे आरोपों में फंसाया गया है.
भारत ने कुलभूषण की फांसी पर रोक के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने 15 मई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और गुरुवार को अदालत ने कहा कि पूरी तरह मामले का फैसला होने तक कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक रहेगी.
पाकिस्तान पहले ही इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय अदालत के अधिकारक्षेत्र पर सवाल उठा चुका है. उसके मुताबिक यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है और इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता. लेकिन अंतरराष्ट्रीय अदालत ने साफ कहा कि वह इस बारे में सुनवाई करने का हक रखती है.
पाकिस्तान ने जाधव का इकबालिया वीडियो अदालत में दिखाने की अनुमति मांगी थी जो उसे नहीं मिली. हालांकि पाकिस्तानी पक्ष ने अदालत में जाधव का पासपोर्ट जरूर दिखाया था जिस पर उसका नाम हुसैन मुबारक पटेल लिखा था. भारत ने कई बार पाकिस्तान से जाधव से अपने रायजनिकों को मिलने की अनुमति मांगी है जिसे खारिज कर दिया. अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारतीय वकील हरीश साल्वे ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया.
एके/ओएसजे (एएफपी)