केन्या के सूखे ने जानवरों को बनाया हड्डी का ढांचा
केन्या में भयंकर सूखे के हालात हैं. जानवर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. जानवरों की मौत से इलाके में बीमारियों के बढ़ने का भी खतरा है. फोटोजर्नलिस्ट एड रैम ने सूखे की भयावहता तस्वीरों के जरिए दुनिया के सामने रखी.
सूखे ने ली जंगली जानवरों की जान
10 दिसंबर 2021 की ये तस्वीर साबुली वन्यजीव अभयारण्य, केन्या के आयरिब गांव की है. तस्वीर में दिख रहे छह जिराफों की मौत भोजन और पानी की कमी से हुई है. पानी पीने के लिए तकरीबन सूख चुके जलाशय के पास जब जिराफ पहुंचे तो कीचड़ में धंस कर रह गए.
सारे मवेशियों का हाल भी खराब
केन्या के आयरिब गांव में बैठीं कुपोषित गायें. तस्वीर 10 दिसंबर 2021 है. इस इलाके में सितंबर महीने से अब तक औसत के मुकाबले एक तिहाई से भी कम बारिश हुई है. केन्या के पूर्वोत्तर में पड़ रहे सूखे की वजह से भोजन और पानी की कमी हो गई है, जो ग्रामीणों और उनके मवेशियों के लिए काल बन रही है.
बारिश ने पहुंचने में कर दी देर
9 दिसंबर 2021 को केन्या के गारीसा इलाके में बारिश हुई. लेकिन बारिश से कुछ ही दिन पहले, सूखे की मार से इन भेड़ों की मौत हो गई. यह परिवार अपनी मृत भेड़ों के पास खड़ा है. आम दिनों के मुकाबले कम बारिश से यहां भोजन और पानी का संकट बढ़ा है.
बारिश ने भी ली भेड़ों की जान
इस तस्वीर में दिख रही भेड़ों की मौत बारिश होने के बाद हुई है. महीनों तक सूखा पड़ने के बाद भेड़ें कमजोर हो चुकी थीं. 10 दिसंबर 2021 को जब वाजिर काउंटी में बारिश हुई तो ठंड बढ़ गई, जिसे कुपोषित भेड़ें सहन नहीं कर पाईं और चल बसीं.
कमजोर जानवरों को रोगों का खतरा
पेड़ की छाया में बैठी एक कुपोषित गाय. 9 दिसंबर 2021 की ये तस्वीर वाजिर काउंटी, केन्या के डाहाबली गांव की है. कमजोर हुए पालतू जानवर आसानी से कई रोगों के शिकार हो जाते हैं. राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा सितंबर में ही सूखे को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर चुके हैं.
हड्डियों का ढांचा बने मवेशी
डाहाबली गांव के बाहरी इलाके से गुजरती कुपोषित भेड़ों का झुंड. इन भेड़ों की खाल सूख गई है और उनकी हड्डियां देखी जा सकती हैं. मवेशियों की यह दशा सूखे की भयावहता दिखाती है. इससे केन्या के 21 लाख लोग भुखमरी की कगार पर खड़े हैं.