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मानवाधिकारब्रिटेन

ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जूलियान असांज की याचिका

१५ मार्च २०२२

ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियान असांज की याचिका खारिज कर दी है, जिसके बाद उनकी अमेरिका को प्रत्यर्पण की संभावना और बढ़ गई है.

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जूलियन असांज
जूलियन असांजतस्वीर: Henry Nicholls/REUTERS

ब्रिटिश अदालत ने विकीलीक्स संस्थापक को अपने खिलाफ आए फैसले के विरुद्ध अपील करने की इजाजत नहीं दी है. अपील करने की इजाजत चाहने वाली याचिका ब्रिटिश सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि मामले में उसे कोई "कानूनी आधार पर तार्किक मुद्दा” नहीं मिला.

50 वर्षीय असांज के खिलाफ अमेरिका में जासूसी के मामले में मुकदमा दर्ज है और अमेरिका उनका प्रत्यर्पण चाहता है. कई साल से असांज उस मुकदमे में अमेरिका में कार्रवाई से बचने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. अमेरिका ने विकीलीक्स द्वारा एक दशक पहले हजारों गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित करने को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू की थी.

कानूनी विकल्पों की कमी

अदालत के इस फैसले के बाद असांज के सामने कानूनी विकल्प लगभग खत्म हो गए हैं. अब यह मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को भेजा जाएगा और वही फैसला करेंगी कि असांज को अमेरिका को प्रत्यर्पित किया जाए या नहीं.

असांज को इक्वाडोर ने अपने दूतावास से क्यों निकाला?

पहले ब्रिटेन की एक अदालत ने अमेरिका की असांज के प्रत्यर्पण की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी थी कि अमेरिका की जेलों की हालत बहुत खराब है और असांज वहां आत्महत्या कर सकते हैं. लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने बाद में अदालत को भरोसा दिलाया कि विकीलीक्स के संस्थापक असांज के साथ ऐसा कोई कठोर व्यवहार नहीं किया जाएगा, जिसका उनके मानसिक और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़े.

बीते साल दिसंबर में हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए अमेरिका की असांज के प्रत्यर्पण की याचिका स्वीकार कर ली थी. यह फैसला इस आधार पर हुआ था कि अमेरिका ने असांज के साथ मानवीय व्यवहार करने का वादा किया था. असांज इस फैसले के खिलाफ अपील करने की इजाजत चाहते थे लेकिन सोमवार को अदालत ने उसे नकार दिया.

अब क्या कर सकते हैं वकील?

कानूनी विकल्पों की कमी के बावजूद असांज के वकील अब यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय में अपील कर सकते हैं. पूर्व में ब्रिटिश न्याय व्यवस्था में प्रत्यार्पण के लिए जिम्मेदार रहे निक वामोस कहते हैं कि असांज के वकील कुछ अन्य आधार बनाकर भी अपील कर सकते हैं, जिन पर निचलती अदालत में पहले बात नहीं हुई थी.

अमेरिका स्थित असांज के वकील बैरी पॉलक ने सोमवार को कहा कि ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट का फैसला "बेहद निराशाजनक” है. उन्होंने कहा, "असांज प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे.” ब्रिटेन में असांज की कानूनी लड़ाई लड़ रही वकालत कंपनी बर्नबर्ग पियर्स सॉलिसिटर्स ने कहा कि वह ब्रिटिश गृह मंत्री द्वारा फैसला लिए जाने से पहले एक महीने के भीतर उनके समक्ष अपील कर सकती है.

दूतावास की चारदीवारी में दो साल

अमेरिका का तर्क है कि जूलियान अजांस ने अमेरिकी सेना के विश्लेषक चेल्सी मैनिंग की गोपनीय दस्तावेज चुराने में मदद की, जो एक अपराध है. और, इन दस्तावेजों को विकीलीक्स ने प्रकाशित किया, जिससे कई जानें खतरे में पड़ गईं.

दूसरी तरफ असांज के समर्थकों और वकीलों का तर्क है कि जूलियान असांज ने एक पत्रकार की हैसियत से काम करते हुए यह जानकारी प्रकाशित की थी और दस्तावेजों को प्रकाशित करना अभिव्यक्ति की आजादी के तहत मिला अधिकार है. वकीलों का दावा है कि अमेरिका का मुकदमा राजनीतिक रूप से प्रेरित है और अगर उन्हें दोषी पाया जाता है तो 175 साल तक की कैद हो सकती है. हालांकि अमेरिकी अधिकारी कहते हैं कि सजा इससे काफी कम होगी.

वीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स)

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