इटली में नया संकट, सरकार का गठन अधर में
२८ मई २०१८जुसेप कोंते ने साफ कर दिया है कि वह देश की नई सरकार का नेतृत्व नहीं करेंगे. इस तरह इटली फिर राजनीतिक संकट में फंस गया है. इटली में हालिया आम चुनावों के बाद गठबंधन को लेकर लंबी खींचतान चली. लंबी वार्ताओं के बाद व्यवस्था विरोधी 5 स्टार मूवमेंट पार्टी और धुर दक्षिणपंथी पार्टी नॉर्थ लीग के बीच गठबंधन पर सहमति बनी और कोंते को प्रधानमंत्री नामजद किया गया.
कोंते नई सरकार में जिस व्यक्ति को आर्थिक मामलों का मंत्री बनाना चाहते थे, वह राष्ट्रपति सेर्जियो मातारेला को मंजूर नहीं था. 81 वर्षीय अर्थशास्त्री पाओलो सवोना यूरोपीय संघ के आलोचकों में गिने जाते हैं. आर्थिक मामलों के मंत्री के लिए उनके नाम पर राष्ट्रपति मातारेला ने वीटो कर दिया. इसी मुद्दे पर कोंते ने सरकार बनाने की कोशिशें से हाथ खींच लिए.
दूसरी तरफ, मातारेला पक्के यूरोप समर्थक हैं. उन्होंने कहा है कि सवोना के नाम को मंजूरी इसलिए नहीं दी क्योंकि इससे "बाजार, निवेशकों, इतावली लोगों और विदेशियों में हड़कंप मच जाता". उन्होंने कहा, "हर दिन (बॉन्ड का) दायरा बढ़ता जा रहा है और इससे कर्ज की कीमत बढ़ रही है." सवोना कहते हैं कि इटली यूरोजोन की खर्चों में कटौती की पाबंदियों के "पिंजरे" में कैद है. वित्तीय अनुशासन के लिए लागू इन नियमों का जर्मनी समर्थन करता है.
पिछले हफ्ते इटली के शेयर बाजार में 5 स्टार मूवमेंट और लीग पार्टी के बीच गठबंधन पर सहमति के बाद काफी उथल पुथल देखने को मिली. विश्लेषकों को डर था कि इन दोनों पार्टियों की सरकार खुल कर खर्च करेगी जिससे इटली का विशाल कर्ज और बढ़ेगा. इटली का कर्ज पहले ही जीडीपी के 1.3 गुने से ज्यादा है. इटली यूरोजोन की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. लेकिन मार्च में चुनावों के बाद से वहां कोई सरकार नहीं है.
नए गतिरोध के बीच इटली में राष्ट्रपति मातारेला के महाभियोग की मांग भी उठने लगी है. फाइव स्टार मूवमेंट के नेता लुइजी दि मायो ने संविधान के अनुच्छेद 90 के तहत महाभियोग की मांग उठाई है. भारत की तरह इटली में भी राष्ट्रपति का पद एक रस्मी पद है. लेकिन उसे नई सरकार नियुक्त करने या फिर संसद भंग करने जैसी कई अहम शक्तियां प्राप्त हैं. इतावली कानून के तहत राष्ट्रपति कैबिनेट के किसी भी सदस्य की नियुक्ति को खारिज कर सकता है, हालांकि इसका इस्तेमाल बहुत विरले ही किया जाता है. लेकिन सवोना के मामले में राष्ट्रपति मातारेला ने ऐसा किया.
इस बीच मातारेला के कार्यालय ने बताया है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व वरिष्ठ निदेशक कार्लो कोतारेली को बातचीत के लिए बुलाया है. इस घोषणा से संकेत मिलता है कि राष्ट्रपति उन्हें टेक्नोक्रेट सरकार का नेतृत्व करने के लिए कह सकते हैं.
एके/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए)