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मेलोनी बनने जा रहीं इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री

२६ सितम्बर २०२२

धुर दक्षिणपंथी गठबंधन का नेतृत्व करने वाली जॉर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की राह पर हैं. वह मुसोलिनी के बाद पद संभालने वाली पहली धुर दक्षिणपंथी नेता होंगी.

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45 वर्षीय जियोर्जिया मेलोनी इटली की अगली सरकार बनाने के लिए तैयार
45 वर्षीय जियोर्जिया मेलोनी इटली की अगली सरकार बनाने के लिए तैयारतस्वीर: Gregorio Borgia/AP/picture alliance

एग्जिट पोल के मुताबिक इटली में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में राष्ट्रवादी नेता जॉर्जिया मेलोनी के नेतृत्व वाले धुर दक्षिणपंथी गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया है. सोमवार की सुबह पत्रकारों से बात करते हुए मेलोनी ने कहा कि इटली की जनता ने उनके गठबंधन को समर्थन देते हुए "स्पष्ट संदेश" दिया है.

इटली में आम चुनाव, यूरोप का इम्तिहान

मेलोनी ने कहा, "अगर हमें इस देश पर शासन करने के लिए कहा जाता है, तो हम सभी ऐसा इटली की जनता के लिए करेंगे, जिसका उद्देश्य लोगों को एकजुट करना है. हम आपके भरोसे के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे."

उनकी यह टिप्पणी मध्य-वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडी) द्वारा हार मानने के तुरंत बाद आई.

मध्य-वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी की वरिष्ठ सांसद डेबोरा सेराचियानी ने पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक टिप्पणी में पत्रकारों से कहा, "यह देश के लिए एक दुखद शाम है." उन्होंने कहा, "दक्षिणपंथियों के पास संसद में बहुमत है, लेकिन देश में नहीं."

एग्जिट पोल में बनती दिख रही सरकार

स्थानीय समय के मुताबिक रविवार की रात 11 बजे मतदान समाप्त हो गया. एग्जिट पोल ने मेलोनी के ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को लगभग 45 फीसदी वोट हासिल करते हुए दिखाया. मेलोनी की अपनी पार्टी खुद का 26 फीसदी वोट हासिल करती दिखी, जो चुनावों में सबसे मजबूत समूह बना.

डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले मध्य-वाम गठबंधन को 29 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है, जो दूसरा सबसे मजबूत ब्लॉक है. लोकप्रियता में आखिरी मिनट में उछाल की रिपोर्ट के कारण 5 स्टार मूवमेंट ने भी लगभग 16.5 प्रतिशत वोट हासिल किया.

स्वीडन में पहली बार सत्ता के करीब धुर दक्षिणपंथी पार्टी

इन चुनावों में करीब साढ़े पांच करोड़ मतादाता मतदान के योग्य थे. इटली के गृह मंत्रालय के अनुसार कुल 64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत डाले. यह 2018 के पिछले चुनाव की तुलना में काफी कम है, जिसमें रिकॉर्ड 73 प्रतिशत मतदान हुआ था.

अनुमान बताते हैं कि मेलोनी का दक्षिणपंथी गठबंधन संसद के निचले सदन की 400 सीटों में से 227 और 257 के बीच और सीनेट की 200 सीटों में से 111 और 131 के बीच जीत सकता है. डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले मध्य-वाम गठबंधन को निचले सदन में 88 और सीनेट में 42 सीटें जीतने का अनुमान है.

दक्षिणपंथी यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया?

जैसे ही एग्जिट पोल ने दक्षिणपंथी गठबंधन की जीत की ओर इशारा किया, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान और उनके पोलिश समकक्ष मातेयुस मोराविएत्स्की ने मेलोनी को बधाई दी. ओरबान के राजनीतिक सलाहकार बालाज्स ओरबान ने कहा, "इन कठिन समय में, पहले से कहीं अधिक, हमें ऐसे मित्रों की जरूरत है जो यूरोप की चुनौतियों के लिए एक समान दृष्टि और योजना साझा करें"

जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी और फ्रांस की नेशनल रैली पार्टी के सांसदों ने भी इटली में दक्षिणपंथी जीत की सराहना की. धुर दक्षिणपंथी एएफडी के सांसद बेयाट्रिक्स फॉन स्टॉर्च ने अपने एक ट्वीट में कहा, "हम इटली के साथ जश्न मनाते हैं."

स्वीडन के आम चुनाव में दक्षिणपंथी गठबंधन की हालिया जीत का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, "उत्तर में स्वीडन, दक्षिण में इटली, वामपंथी सरकारें अब कल की खबरें हैं"

यूरोपीय संसद के एक फ्रांसीसी सदस्य जॉर्डन बार्देला ने कहा कि इटली की जनता ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन को "विनम्रता का सबक" दिया है. पिछले हफ्ते उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कहा था कि अगर इटली में नई दक्षिणपंथी सरकार यूरोपीय संघ के नियमों का पालन करने में विफल रहती है, तो ब्रसेल्स के पास उपयोग करने के लिए उपकरण हैं, उनकी टिप्पणी एक तंत्र के संदर्भ में थी जिसके द्वारा यूरोपीय संघ को किसी भी यूरोपीय देश को धन निलंबित करने का अधिकार देता है जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन नहीं करता है.

बार्देला ने कहा, "किसी भी तरह की कोई भी धमकी लोकतंत्र को नहीं रोक सकती." उन्होंने कहा, "यूरोप के लोग सिर उठा रहे हैं और अपने भाग्य को अपने हाथों में ले रहे हैं."

मेलोनी और उनकी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने चुनाव प्रचार के दौरान एजेंडा ऑफ गॉड के साथ मातृभूमि और ईसाई पहचान को मुद्दा बनाया था.

45 वर्षीय राष्ट्रवादी मेलोनी को इस बात के लिए आलोचना झेलनी पड़ी कि उन्होंने खुद को स्पष्ट तौर पर उस नव फासीवादी आंदोलन से अलग नहीं किया है जो तानाशाह बेनितो मुसोलिनी से हमदर्दी रखने वालों ने शुरू किया था.

उन्होंने प्रचार के दौरान फासीवादी होने के आरोपों को खारिज किया और धुर दक्षिणपंथी बयानबाजी में तेजी से कमी लाई थी.

एए/सीके (एएफपी, डीपीए, एपी, रॉयटर्स)