इस्राएल में एक साल में तीसरी बार होगा आम चुनाव.
१२ दिसम्बर २०१९इस्राएल में तीसरी बार चुनाव के लिए सांसद एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है. सांसदों ने एक प्रस्ताव पास कर संसद को भंग कर दिया. दरअसल सरकार बनाने की समय सीमा समाप्त हो गई और कोई भी दल सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाया. सरकार बनाने की समय सीमा बुधवार मध्यरात्रि तक थी लेकिन इससे पहले ही सांसदों ने संसद भंग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. सांसदों ने 2 मार्च 2020 को मतदान के लिए प्रस्ताव पास किया है. राजनीतिक दलों के नेता एक दूसरे पर सरकार का गठन ना हो पाने के लिए आरोप लगाते लगाया है. पिछले एक साल से इस्राएल में राजनीतिक स्थिरता के साथ मतदाताओं में अविश्वास का भाव पैदा होता दिख रहा है.
इस्राएल में इसी साल अप्रैल और सितंबर में आम चुनाव हुए थे. दोनों बार किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला और अब यह तीसरा मौका होगा जब पार्टियां बहुमत के लिए जोर लगाएंगी. दोनों चुनाव में बेन्यामिन नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी और विरोधी पार्टी ब्लू एंड व्हाइट के नेता बेनी गांस में से कोई भी बहुमत नहीं पा सका था.
नेतन्याहू और गांस ने एक बार गठबंधन सरकार बनाने के बारे में चर्चा भी की थी, लेकिन दोनों साथ आने में सफल नहीं हो पाए. बुधवार को नेतन्याहू ने गांस की पार्टी की ओर इशारा करते हुए अपने बयान में कहा, "उन्होंने हमारे ऊपर चुनाव थोपा है."
गांज ने नेतन्याहू को जवाब में कहा कि नेतन्याहू की कानूनी मुश्किलें और भ्रष्टाचार के मामले के कारण ही इस्राएल में तीसरी बार चुनाव होने जा रहा है. गांस ने कहा, "हम तीसरी बार चुनाव में जा रहे हैं इसका कारण नेतन्याहू हैं क्योंकि वह कानूनी मामलों से खुद को बचाना चाहते हैं. हमें इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए."
नेतन्याहू पर तीन अलग-अलग आपराधिक मामले हैं, जिनमें जालसाजी, रिश्वतखोरी और विश्वासघात के आरोप हैं. 70 वर्षीय नेतन्याहू इस्राएल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले नेता भी हैं. नेतन्याहू चाहते थे कि संसद ऐसा प्रस्ताव पास करे जिससे उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों में सजा ना दी जा सके.
एए/एनआर (एएफपी, एपी)
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