इराक में सामूहिक कब्रों से शवों को निकालने में पक्षपात का आरोप
इराक में सद्दाम हुसैन के शासन के दौरान मारे गए लोगों के शवों को सामूहिक कब्रों से निकालने का काम चल रहा है. अधिकारियों ने सामूहिक कब्रों से अब तक 15 लोगों के अवशेष निकाले हैं. माना जाता है कि ऐसी और कब्रें हो सकती हैं.
दो सौ से अधिक सामूहिक कब्रें
सामूहिक कब्र पहली बार अप्रैल में दक्षिणी शहर नजफ के पास एक आवासीय परिसर के निर्माण के काम के दौरान खोजी गई थी. ऐसा माना जाता है कि यह कब्रें 1990 के दशक की हैं, जब सद्दाम हुसैन ने दक्षिणी इराक में बहुसंख्यक शिया मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के खिलाफ एक घातक अभियान चलाया. इसमें लगभग 1,00,000 लोग मारे गए थे.
शवों की पहचान
इराकी सामूहिक कब्र विभाग सामूहिक कब्र में शवों की पहचान करने के लिए काम कर रहा है. उसे संयुक्त राष्ट्र और लापता व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय आयोग (आईसीएमपी) द्वारा सह-प्रायोजित किया जा रहा है.
और भी हो सकते हैं शव
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इराक में 200 से अधिक सामूहिक कब्रें हैं और उनमें 12,000 से अधिक शव हो सकते हैं. इराकी सरकार ने कब्रों की खुदाई और शवों की पहचान करने के लिए एक सामूहिक कब्र निदेशालय (एमजीडी) या सामूहिक कब्र खोज एजेंसी भी स्थापित की है.
परिवार का दुख खत्म नहीं हुआ
कई इराकी शहरों में विभिन्न परिवार सामूहिक कब्र की पहचान और उत्खनन एजेंसी के काम से असंतुष्ट हैं. उनका कहना है कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर यजीदी कब्र खोद रही है.
सामूहिक कब्रों की खुदाई की धीमी प्रक्रिया
दीया करीम सईदी सामूहिक कब्र पहचान और उत्खनन एजेंसी के प्रमुख हैं और कहते हैं कि एक सौ चौदह स्थलों की पहचान की गई है और अब तक उन्नीस सामूहिक कब्रें खोदी गई हैं. सईदी का कहना है कि उनके संगठन में केवल 45 लोग हैं, जो बहुत कम हैं और संसाधनों की भारी कमी है.
सच जानना चाहता है पीड़ित परिवार
इराकी अधिकारियों के मुताबिक 1980 और 1990 के दशक में सद्दाम के शासन में कुर्द अल्पसंख्यकों समेत दस लाख से अधिक लोगों को जबरन गायब कर दिया गया था और उनके कई परिवार अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके साथ क्या हुआ था.