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ईरान ने किया हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा

११ नवम्बर २०२२

गुरुवार को एक ईरानी जनरल ने हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा कर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के कान खड़े कर दिये हैं. ईरान का दावा है कि दुनिया का कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को पकड़ नहीं सकता.

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ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा किया है
हाइपरसोनिक मिसाइल के मामले में रूस सबसे आगे हैतस्वीर: Ministry of defence of the Russian Federation/dpa/picture alliance

एक ईरानी जनरल का दावा है कि उनके देश ने ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित कर ली है जो किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को भेद सकती है. हाइपरसोनिक मिसाइल पारंपरिक मिसाइलों की तरह ही परमाणु हथियार ढोने में सक्षम होती हैं. ये मिसाइल आवाज की गति से पांच गुना ज्यादा रफ्तार से उड़ान भर सकती हैं.

एयर डिफेंस सिस्टम नहीं पकड़ पायेगा

इस्लामिक रेवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की एयरोस्पेस यूनिट के कमांडर जनरल अमिराली हाजीजादेह का कहना है, "यह हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम के घेरे को तोड़ने के लिए बनाई गई है." ईरान की समाचार एजेंसी फार्स ने जनरल का बयान छापा है. हाजीजादेह के मुताबिक, "यह सभी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तोड़ने में सक्षम है." इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि इसे पकड़ने की क्षमता रखने वाला सिस्टम विकसित करने में दशकों लग जाएंगे.

ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा किया
उत्तर कोरिया ने पिछले साल हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया थातस्वीर: YONHAPNEWS AGENCY/picture alliance

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग (आईएईए) के प्रमुख रफायल ग्रोसी ने मिस्र में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन में इस घोषणा पर चिंता जताई है. समाचार एजेंसी एएफपी से ग्रोसी ने कहा, "हम जानते हैं कि इस तरह की घोषणाएं ध्यान बढ़ाती हैं, चिंता बढ़ाती हैं, लोगों का ध्यान ईरान के परमाणु कार्यक्रम की ओर बढ़ाती हैं." हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वो ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चल रही बातचीत पर इसका "कोई असर नही होने" की उम्मीद कर रहे हैं.

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यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब बीते हफ्ते ही ईरान ने माना है कि उसने रूस को ड्रोन दिये हैं. हालांकि उसका यह भी कहना है कि उसने ये ड्रोन यूक्रेन की लड़ाई शुरू होने से पहले दिये. बीते महीने वॉशिंगटन पोस्ट ने खबर दी थी कि ईरान रूस में मिसाइलें भेजने की तैयारी कर रहा है. ईरान ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे "पूरी तरह गलत" बताया है. यह सारी घटनाएं तब हो रही हैं जब ईरान महसा अमीनी की हिरासत में मौत के बाद विरोध प्रदर्शनों की आंच झेल रहा है.

हाइपरसोनिक मिसाइल

बैलिस्टिक मिसाइलों से उलट हाइपरसोनिक मिसाइलें वातावरण में कम ऊंचाई पर उड़ान भरती हैं और इसलिए अपने लक्ष्य पर जल्दी पहुंच जाती हैं. उत्तर कोरिया ने पिछले साल हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण कर इसकी तकनीक हासिल करने के लिए होड़ को लेकर दुनिया की चिंता बढ़ा थी. फिलहाल हाइपरसोनिक मिसाइलों के मामले में रूस सबसे आगे है और उसके पीछे चीन और अमेरिका हैं.

ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा किया
ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा किया है (फाइल)तस्वीर: Majid Asgaripour/AP/picture alliance

हाइपरसोनिक मिसाइल की चाल को उड़ान के दौरान नियंत्रित किया जा सकता है इस वजह से इसे पकड़ पाना और इससे अपनी सुरक्षा कर पाना कठिन होता है. अमेरिका समेत दूसरे देशों ने क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों से अपनी रक्षा के लिए सिस्टम तैयार किये हैं लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइल को पकड़ने या गिराने को लेकर अब भी कोई सिस्टम नहीं है.

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प्रतिबंध के दौर में हथियार

ईरान और रूस दोनों फिलहाल बहुत कठोर प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं. ईरान पर ये प्रतिबंध 2015 के परमाणु करार से अमेरिका के बाहर होने और रूस पर फरवरी में यूक्रेन पर हमले के बाद लगे. इन दोनों देशों ने प्रतिबंध लगने के बाद प्रमुख क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाया है जिससे कि अपनी अर्थव्यवस्थाओं को संभाल सकें.

बुधवार को रूस के सुरक्षा प्रमुख निकोलाई पात्रुशेव ईरान में थे. इस दौरान उनकी ईरान के साथ आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ जंग के अलावा पश्चिमी देशों के दखल से जूझने पर भी बातचीत हुई.

ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइल बाने का दावा किया है
हाइपरसोनिक मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम पकड़ नहीं पातींतस्वीर: Russian Defense Ministry/AP/picture alliance

परमाणु करार पर बातचीत

मिसाइल बनाने की घोषणा की पृष्ठभूमि में कहीं ना कहीं 2015 के परमाणु करार को दोबारा लागू करने पर ठप्प हुई बातचीत को शुरू करने की मंशा है. ईरान ने यह करार ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के साथ की थी. इसके तहत उसे प्रतिबंधों में छूट मिली थी और बदले में उसने गारंटी दी थी कि वह परमाणु हथियार नहीं बनायेगा. ईरान हमेशा से हथियार बनाने के आरोपों से इनकार करता रहा है.

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2018 में डॉनल्ड ट्रंप के करार से बाहर आने के बारे में किये एकतरफा फैसले के बाद यह करार बेकार हो गया. आईएईए ने गुरुवार को बताया कि तीन ठिकानों पर अघोषित परमाणु पदार्थों को लेकर ईरान से बातचीत में "कोई प्रगति" नहीं हुई है. करार पर बातचीत आगे ले जाने में यह मुद्दा एक प्रमुख बाधा बना हुआ है. 2015 के करार में यूरेनियम संवर्धन की जो सीमा तय की गई थी ईरान उसके पार जा कर संवर्धन कर रहा है.

हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने की घोषणा से पहले 5 नवंबर को ईरान ने एक रॉकेट का परीक्षण भी किया जो अंतरिक्ष में उपग्रह ले कर जा सकता है. अमेरिका बार बार इस पर चिंता जताता है कि इस तरह के रॉकेट की तकनीक ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक को मजबूत कर सकती है. इनकी मदद से वह परमाणु हथियार ढोने वाले मिसाइल बना सकता है. मार्च में अमेरिका ने मिसाइल से जुड़ी ईरान की गतिविधियों पर रोक लगाई थी.

एनआर/वीके (एएफपी)