महंगाई से कराहते आम भारतीय
पेट्रोल, डीजल, खाने का तेल या फिर आटा, भारत में हर चीज की कीमत आसमान छू रही है. बेकाबू महंगाई से रोजमर्रा की चीजें भी अछूती नहीं है. कोविड काल में महंगाई जनता को जोर का झटका दे रही है.
महंगा पेट्रोल
पेट्रोल का दाम करीब-करीब हर रोज बढ़ता जा रहा है. दाम बढ़ने से मिडिल क्लास परिवारों पर काफी बोझ पड़ रहा है. कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को अर्से पहले ही पार कर चुका है.
डीजल महंगा, माल ढुलाई महंगी
डीजल का दाम भी आसमान छूता जा रहा है. कई शहरों में डीजल तो 100 रुपये के पार जा चुका है, जिससे माल ढुलाई भी महंगी हो गई है. खेतों में सिंचाई के लिए भी डीजल का इस्तेमाल होता है.
रसोई गैस
रसोई गैस पिछले चार महीनों में 90 रुपये के करीब महंगी हो चुकी है. फिलहाल दिल्ली और मुंबई में रसोई गैस सिलेंडर का दाम 899.50 रुपये है. वहीं कोलकाता में यह 926 रुपये है.
सीएनजी भी महंगी
कभी किफायती मानी जाने वाली सीएनजी और पीएनजी अब महंगी होती जा रही है. अक्टूबर महीने में सीएनजी 4.56 रुपये प्रति किलो और पीएनजी 4.20 रुपये प्रति यूनिट तक महंगी हो चुकी है.
खाने का तेल
सरसों का तेल 200 रुपये प्रति किलो के ऊपर जा चुका है. सरकार ने हाल ही में खाद्य तेलों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी घटाई थी लेकिन इसका कीमत पर असर होता नहीं दिख रहा है.
सब्जी और फल
बेमौसमी बारिश और माल ढुलाई दर में वृद्धि के कारण सब्जियों के दामों पर खासा असर पड़ा है. आलू, प्याज, टमाटर और हरी सब्जियां खुदरा बाजार में महंगी हो गई है. त्योहारों के मौसम में लोग इस महंगाई से खासे परेशान हैं.
माचिस पर महंगाई की मार
14 साल के अंतराल के बाद माचिस की डिबिया महंगी होने वाली है. एक दिसंबर से इसकी कीमत एक रुपये से बढ़कर दो रुपये हो जाएगी. आखिरी बार 2007 में माचिस की कीमत में संशोधन हुआ था.
केंद्रीय बैंक की चिंता
रिजर्व बैंक ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल से उत्पाद और सेवाओं के रिटेल दाम बढ़ने की चिंता जताई है. आरबीआई का कहना है कि महंगा पेट्रोल-डीजल यातायात और माल ढुलाई का बोझ बढ़ा रहा है.