विदेश यात्रा पर कितना खर्च कर रहे हैं भारतीय
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीयों ने आरबीआई की लिब्रेलाइज्ड रेमिटंस योजना के तहत विदेश यात्रा के लिए 2023-24 में कुल 1,41,800 करोड़ रुपये निकाले.
विदेश में जमकर खर्च कर रहे भारतीय
भारतीय विदेश यात्रा पर बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं. विदेश यात्रा करने वालों की संख्या में वृद्धि के साथ वे विदेशी मुद्रा भी ले गए. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के डाटा से पता चलता है कि बाहर जाने वाली विदेशी मुद्रा 2023-24 में औसतन लगभग 12,500 करोड़ रुपये प्रति माह हो गई, जबकि पांच साल पहले 2018-19 में यह औसतन करीब 3,300 करोड़ रुपये प्रति माह थी.
विदेश यात्रा के लिए 17 अरब डॉलर निकाले
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों ने आरबीआई की लिब्रेलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत 2023-24 में विदेश यात्रा के लिए कुल 17 अरब डॉलर (1,41,800 करोड़ रुपये) निकाले. यह पिछले वर्ष के 13.66 अरब डॉलर की तुलना में 24.4 प्रतिशत अधिक है.
भारतीयों ने विदेश भेजी अधिक राशि
यात्रा भारत से बाहर धन भेजने के प्राथमिक स्रोत के रूप में उभरी है, जो वित्त वर्ष 2024 में कुल बाहर भेजे गए धन का 53.6 प्रतिशत रहा, जबकि 2013-14 में यह हिस्सा केवल 1.5 प्रतिशत और 2018-19 में 35 प्रतिशत था.
मिडल क्लास कर रहा विदेश यात्रा
भारत में मिडल क्लास के उभार से लोगों की आय में वृद्धि हुई है. महत्वाकांक्षी मिडल क्लास के विकास के साथ ही विदेश यात्रा में वृद्धि हुई है. कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंध हटाए जाने के बाद इस प्रवृत्ति ने और जोर पकड़ लिया.
विदेश में निवेश भी कर रहे भारतीय
भारतीय निवासी विदेशों में भी अधिक निवेश कर रहे हैं. आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में भारतीयों ने हर महीने औसतन 10 करोड़ डॉलर (पूरे साल के लिए 1.51 अरब डॉलर) विदेशी इक्विटी और कर्ज में निवेश किए, जबकि 2022-23 के पूरे साल में यह 1.25 अरब डॉलर था.
पढ़ाई और करीबी रिश्तेदारों पर खर्च
भारत से जो पैसा विदेश जा रहा है उसमें करीबी रिश्तेदारों का भरण-पोषण और विदेश में पढ़ाई का खर्च शामिल है. 2023-24 में विदेश में करीबी रिश्तेदारों के लिए खर्च के लिए 4.61 अरब डॉलर और विदेश में पढ़ाई के लिए 3.47 अरब डॉलर था.