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समाजभारत

महंगाई के चलते भारत में बढ़ी सोने के हल्के गहनों की मांग

१ जनवरी २०२५

खरीदारों की पसंद को देखते हुए ज्वैलर्स भी अब कम वजन वाले गहने बनाकर बेच रहे हैं. नई 'मेकिंग' तकनीकों के आने से भी इसमें मदद मिली है. कम कीमत के चलते आम भारतीय कम कैरेट वाले गहनों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

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गहने पहले भारतीय दुल्हन
भारत में शादियों में गहने बनवाने और पहनने की लंबी परंपरा चली आ रही है तस्वीर: picture alliance/NurPhoto/Creative Touch Imaging Ltd

मुंबई में रहने वालीं शुभांगी मोरे अपनी बेटी की शादी के लिए खरीदारी करने में व्यस्त हैं. उन्होंने बेटी के लिए पारंपरिक डिजायन वाला गले का हार चुना है. वे कहती हैं, "मैं अपनी बेटी को 80 ग्राम सोना उपहार में देना चाहती थी, लेकिन पिछले दो साल में बढ़ी कीमतों के चलते मुझे इसे कम करके 50 ग्राम करना पड़ा.”

ज्वैलरी बेचने वाली कंपनी नेमीचंद बामलवा एंड संस में पार्टनर बच्छराज बामलवा कहते हैं, "भारत में ज्यादातर खरीदार पारंपरिक गहनों को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन अब वे इन गहनों को कम वजन वाली डिजायनों में चाहते हैं, ताकि वे उनके बजट में रहें. इस प्राथमिकता को देखते हुए अब हम हल्के वजन वाले ज्वैलरी सेट ज्यादा रख रहे हैं और भारी डिजायन वाले गहनों के स्टॉक को कम कर रहे हैं.”

ग्राहकों की प्राथमिकता देख रहे ज्वैलर्स

भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है. यहां बीते दो साल में सोने की कीमतों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. इस दौरान यहां सोने की कीमतें 2023 में 15 फीसदी और 2024 में 22 फीसदी बढ़ीं. इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि बढ़ती कीमतों के चलते अब कई भारतीय परिवार हल्के और कम कैरेट वाले सोने के गहने खरीदने लगे हैं, जिससे उनका बजट प्रभावित ना हो.

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सचिन जैन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारतीय ऑपरेशंस के सीईओ हैं. उनका कहना है कि निर्माण तकनीक में हुई प्रगति की वजह से अब ज्वैलरी निर्माता हल्के वजन में पारंपरिक डिजायन के गहने बना पा रहे हैं.

कम कैरेट के गहनों की तरफ भी बढ़ा आकर्षण

ज्वैलरों का कहना है कि अब खरीदार कम कैरेट वाले गहनों की तरफ भी रुख कर रहे हैं ताकि कीमतें कम रहें. गुड्डी देवी पेशे से शिक्षक हैं और बिहार के जमालपुर कस्बे में रहती हैं. उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए 22 कैरेट की बजाय 18 कैरेट सोने से बने गहने खरीदे हैं. वे कहती हैं कि मैंने 18 कैरेट वाले गहने चुने क्योंकि ये 22 कैरेट की तुलना में सस्ते थे और ज्यादा मजबूत थे.

भारतीय आमतौर पर 22 कैरेट सोने से बने गहनों को प्राथमिकता देते हैं. इनमें 91.7 फीसदी शुद्ध सोना होता है वहीं, 18 कैरेट सोने में 75 फीसदी शुद्ध सोना होता है और बाकी अन्य धातुएं होती हैं. 18 कैरेट सोने की कीमत 22 कैरेट सोने की तुलना में करीब 20 फीसदी कम होती है.

सुरेंद्र मेहता इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव हैं. वे कहते हैं, "कम कीमतों और ज्यादा मजबूती की वजह से 18 कैरेट के गहनों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. कुल बिक्री में इनकी हिस्सेदारी बढ़कर 15 फीसदी पर पहुंच गई है, जो दो साल पहले करीब पांच से सात फीसदी ही थी.”

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