भारत: साइबर ठगी से कैसे रहें सुरक्षित
तकनीकी विकास के साथ ही भारत में साइबर ठगी भी बढ़ती जा रही है. साइबर ठग भोले-भाले लोगों को निशाना बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. लेकिन कुछ बातों का ख्याल रख कर आप ऐसी धोखाधड़ी से खुद को बचा सकते हैं.
'साइबर दोस्त' की सलाह
भारत के गृह मंत्रालय ने अपने साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जागरूकता के ट्विटर हैंडल से लोगों को साइबर ठगी से बचने के टिप्स दिए हैं. इस हैंडल का नाम 'साइबर दोस्त' है. साइबर दोस्त की सलाह है कि किसी अनजान शख्स को कभी भी अपना पूरा नाम, घर का पता या स्कूल का नाम न बताएं.
कंप्यूटर पर रहें सावधान
यूजर्स को हमेशा कंप्यूटर से लॉग ऑफ करने की सलाह भी दी गई है. इससे वे ऑनलाइन दुनिया से बाहर निकल जाएंगे और हैकर्स उनके कंप्यूटर तक पहुंच नहीं पाएंगे.
पासवर्ड की सुरक्षा
साइबर दोस्त की तीसरी सलाह है कि यूजर्स किसी के साथ भी अपना पासवर्ड शेयर न करें. समय समय पर अपने पासवर्ड को बदलते रहना भी एक अच्छी आदत है.
इंटरनेट पर अनजान लोगों से बात न करें
इंटरनेट की दुनिया में खुद को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी अनजान शख्स के साथ चैट न करें. इससे आप साइबर ठगी की संभावना काफी कम कर पाएंगे.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सही उम्र बताना
सोशल मीडिया साइट्स पर बड़ों के अलावा बच्चे भी होते हैं. ऐसे में सलाह दी गई है कि सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी उम्र को ठीक ठीक भरें. इससे लोग अश्लील कंटेंट से बच सकते हैं.
तरह-तरह के साइबर फ्रॉड
भारत में आजकल साइबर ठग झूठमूठ में सरकारी अधिकारी, पुलिस, रिश्तेदार या डिलीवरी बॉय बन कर कॉल करते हैं. पार्सल में ड्रग्स होने, बच्चे के पुलिस हिरासत में होने या अपहरण जैसी झूठी बातें कह कर लोगों से पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं.
साइबर अपराध से कैसे निपट रहा भारत
साइबर अपराधियों पर कार्रवाई के लिए सरकार ने 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (I4C) बनाया है. I4C ऐसे मामलों की पहचान और जांच के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों को इनपुट और तकनीकी मदद भी देता है.
I4C रिपोर्टिंग सिस्टम कितना असरदार
राज्य सभा में 24 जुलाई को एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी के माध्यम से पैसे की हेराफेरी को तुरंत रिपोर्ट करने और रोकने के लिए बने I4C के जरिए अब तक 2,400 करोड़ रुपये बचाए गए. केंद्र सरकार ने बताया कि अब तक 7.6 लाख से अधिक साइबर अपराध के मामले सुलझाते हुए यह पैसे बचाए जा चुके हैं.