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भारत ने कनाडा से कहा 41 राजनयिकों को वापस बुलाए: रिपोर्ट

३ अक्टूबर २०२३

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने कनाडा के 41 राजनयिकों को 10 अक्टूबर तक देश छोड़ने को कहा है. निज्जर की हत्या पर कनाडा के आरोप लगाने के बाद भारत की ओर से लिया गया यह एक सख्त कदम माना जा रहा है.

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कनाडा में विरोध प्रदर्शन करते खालिस्तानी समर्थक
कनाडा में विरोध प्रदर्शन करते खालिस्तानी समर्थकतस्वीर: Jennifer Gauthier/REUTERS

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने कनाडा से कहा है कि वे अपने 41 राजनयिकों को 10 अक्टूबर तक वापस बुला ले. रिपोर्ट में कहा गया है कि जो राजनयिक 10 अक्टूबर के बाद भारत में रुके रहते हैं, उनकी राजनयिक उन्मुक्ति को रद्द करने की धमकी दी गई है. भारत सरकार ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई बयान जारी नहीं किया है.

भारत सरकार ने इस बात के पहले ही संकेत दिए थे, जब विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत में कनाडा के ज्यादा राजनयिक  हैं और उनकी संख्या कम किए जाने की जरूरत है. फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक भारत में कनाडा के 62 राजनयिक हैं और भारत ने कहा है कि कनाडा के राजनयिकों की कुल संख्या 41 तक कम की जानी चाहिए.

कनाडा और भारत के बिगड़ते संबंध

खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक बयान के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में तेजी से गिरावट आई है. ट्रूडो ने कुछ दिन पहले ही संसद में एक बयान में कहा था कि उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार की भूमिका हो सकती है.

अभी तक निज्जर की हत्या के दावे का समर्थन करने के लिए कनाडा ने कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर दिया था. एक बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हमने कनाडा के प्रधानमंत्री का बयान देखा है और हम उसे खारिज करते हैं. कनाडा में किसी हिंसक घटना में भारतीय सरकार की भूमिका बकवास और प्रेरित है."

विदेश मंत्रालय ने कहा था, "जी20 के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात के वक्त भी कनाडा के प्रधानमंत्री ने ऐसे आरोप लगाये थे, जिन्हें पूरी तरह खारिज कर दिया गया था."

निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा में तकरार तेज

आरोपों को खारिज कर चुका भारत

सितंबर के आखिर में अमेरिकी दौरे पर गए भारतीय विदेश मंत्री  एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश एंटनी ब्लिंकेन से मुलाकात की थी. ब्लिंकेन और जयशंकर की मुलाकात के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में निज्जर की हत्या का कोई जिक्र नहीं था. विदेश मंत्रालय ने मुलाकात का सारांश जारी किया, जिसमें कहा गया कि भारत की जी20 की अध्यक्षता, रक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. सारांश में निज्जर के बारे में कोई जिक्र नहीं था.

लेकिन समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा कि ब्लिंकेन ने जयशंकर के सामने निज्जर की हत्या का मुद्दा उठाया था. ब्लिंकेन ने 29 सितंबर को कहा था कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष से सिख अलगाववादी नेता की हत्या की जांच के लिए कनाडा के साथ काम करने का आग्रह किया.

जयशंकर ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों के खिलाफ "हिंसा का माहौल" और "धमकी का माहौल" है.

इसी साल जून में निज्जर की कनाडा में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में दो अज्ञात युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने निज्जर के खिलाफ कथित तौर पर आतंकी हमले की साजिश रचने के मामले में चार्जशीट दायर की थी.

निज्जर गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब का प्रमुख था और वह कनाडा स्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का चीफ था. निज्जर भारत में मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था, जिस पर भारत ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

रिपोर्ट: आमिर अंसारी (रॉयटर्स से जानकारी के साथ)