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भारत ने इलॉन मस्क से कहा, गाड़ियां भारत में ही बनाओ

२७ अप्रैल २०२२

दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति इलॉन मस्क को भारत में अपनी टेस्ला कार बेचने का रास्ता नहीं मिल रहा है. भारत सरकार ने एक बार फिर उनकी पेशकश पर जवाब दे दिया है.

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चीन में टेस्ला
चीन में टेस्लातस्वीर: Costfoto/picture alliance

भारत ने कहा है कि इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला का देश में स्वागत है लेकिन वहां कारें बेचने के लिए उसे वहीं निर्माण भी करना होगा और चीन से आयात कर टेस्ला भारत में कारें नहीं बेच सकती. भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक सम्मेलन के दौरान कहा, "चीन में बनाना और यहां बेचना तो कोई अच्छी पेशकश नहीं है.”

गडकरी ने कहा, "अगर इलॉन मस्क भारत में कार निर्माण को तैयार हैं तो कोई समस्या नहीं है. भारत आइए, निर्माण शुरू कीजिए. भारत एक बड़ा बाजार है और वे यहां से निर्यात भी कर सकते हैं.” वह रायसीना हिल्स डायलॉग नामक कार्यक्रम में संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि चीन से निर्माण कर यहां बेचना भारत के लिहाज से अच्छी पेशकश नहीं होगी.

इलॉन मस्क
इलॉन मस्कतस्वीर: Patrick Pleul/REUTERS

दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति इलॉन मस्क की अमेरिकी कंपनी टेस्ला भारतीय बाजार को लेकर खासी उत्सक है और पिछले कई महीनों से भारत में अपना कारोबार शुरू करने को लेकर भारत सरकार से विचार विमर्श कर रही है. लेकिन मस्क को भारत में आयातित कारों पर लगने वाले कर को लेकर दिक्कत है.

कर में छूट चाहती है टेस्ला

बीती 13 जनवरी को ट्विटर पर एक शख्स ने टेस्ला कार की तस्वीर डालकर मस्क को टैग किया और उनसे भारत लॉन्चिंग पर सवाल पूछा. यूजर ने लिखा, ''टेस्ला भारत में अपनी कार कब लाएगा, क्या इसपर आप कोई अपडेट दे सकेंगे? टेस्ला कारें बहुत अच्छी हैं और उन्हें दुनिया के कोने-कोने में पहुंचना चाहिए.''

आकाश से गिरते इलॉन मस्क के स्टारलिंक सैटेलाइट

इस ट्वीट का जवाब देते हुए मस्क ने लिखा, ''सरकार के साथ काफी मुश्किल आ रही है, लेकिन हम सुलझाने में लगे हैं.''

टेस्ला के प्लांट में रंगभेद की एक और बड़ी शिकायत

इससे पहले जुलाई 2021 में मस्क ने एक ट्वीट करके बताया था कि टेस्ला भारत में आना चाहती है, लेकिन भारत में इंपोर्ट ड्यूटी बाकी किसी बड़े देश के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं. उन्होंने यह भी बताया था कि उनकी कंपनी टैरिफ में तात्कालिक छूट चाहती है.

भारत में विदेशी गाड़ियों पर कितना टैक्स?

40 हजार डॉलर से अधिक मूल्य की आयात की गई इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भारत 100 फीसदी टैक्स लगाता है. वहीं 40 हजार डॉलर तक या इससे कम कीमत वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भारत 60 प्रतिशत आयात शुल्क लेता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इतने ज्यादा टैक्स के चलते टेस्ला कारें एक बड़े ग्राहक वर्ग की पहुंच के बाहर होंगी.

इसका असर भारतीय कार बाजार में टेस्ला की हिस्सेदारी पर भी पड़ेगा. खबरों के मुताबिक, टेस्ला द्वारा की जा रही टैक्स छूट की मांग का कई भारतीय कार निर्माता कंपनियां विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि अगर टेस्ला को छूट दी गई, तो घरेलू कार उत्पादन में हो रहे निवेश पर असर पड़ेगा.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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