मोदी ने कहा चीन से मतभेदों को समाप्त कर आगे बढ़ना है
१२ अक्टूबर २०१९प्रतिनिधिमंडल की बैठक से पहले नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों की चिंताओं के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "हमने विवेकपूर्ण तरीके से अपने मतभेदों को समाप्त का निर्णय लिया है. हम मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे." जिनपिंग और मोदी की अकेले में हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता हुई. भारत की ओर से मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विजय गोखले सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए. वहीं जिनपिंग के साथ विदेश मंत्री वांग यी और स्टेट काउंसलर यांग जिएची सहित 100 सदस्यीय मजबूत प्रतिनिधिमंडल आया है. चीनी प्रतिनिधिमंडल में कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति व पोलितब्यूरो के सदस्य डिंग शुईशियांग, चीनी संसद की राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष एचई लाइफेंग भी शामिल हैं.
पिछले साल वुहान में हुए पहले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन को याद करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, "पहले सम्मेलन से हमारे संबंधों में नई स्थिरता आई और एक नई गति मिली. हमारे दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार भी बढ़ा है. आज के चेन्नई विजन के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए एक नई शुरुआत की जाएगी." वहीं शी जिनपिंग ने कहा, "अनौपचारिक शिखर सम्मेलन से पिछले एक साल में संबंधों में काफी तरक्की देखी गई है. द्विपक्षीय संबंधों पर हमने दिल से चर्चा की. सभी बातों को गहराई से समझा.
'टूरिस्ट गाइड' बन मोदी ने जिनपिंग को कराई सैर
शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दो दिवसीय दौरे पर चेन्नई पहुंचे. दौरे की पहली शाम नरेंद्र मोदी ने चेन्नई से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित प्रसिद्ध मूर्तिकला शहर महाबलीपुरम (मामल्लपुरम) में तीन महत्वपूर्ण स्मारकों की वास्तुकला और महत्व के बारे में उन्हें विस्तार से बताया. इस दौरान मोदी पारंपरिक तमिल परिधान 'वेष्टी' (सफेद धोती), आधी बांह की सफेद कमीज के साथ ही अंगवस्त्रम (अंगोछा) कंधे पर रखे नजर आए. इस दौरान शी सफेद कमीज और काली पतलून पहने हुए थे. मोदी अर्जुन के तपस्या स्थल के पास शी से मिले और उन्हें चट्टान काटकर बनाए गए भव्य मंदिर के अंदर ले गए. मंदिर में प्रवेश करने के बाद मोदी ने शी को यहां की नक्काशी और पारंपरिक सभ्यता व संस्कृति के बारे में बताया. मोदी एक पेशेवर गाइड की तरह शी को विशाल चट्टान पर उकेरी गई विभिन्न छवियों को बताते देखे गए.
महाबलीपुरम के शानदार स्मारकों में से एक अर्जुन के तपस्या स्थल पर एक बड़े शिलाखंड पर आकृतियां उकेरी गई हैं. यहां एक तपस्वी को अपने बाएं पैर पर खड़े होकर तपस्या करते दिखाया गया है, वहीं हिंदू देवताओं को भी दिखाया गया है. देवताओं के अलावा यहां ऋषियों, जानवरों और अन्य पारंपरिक चित्र उकेरे गए हैं. तपस्वी के दाहिनी ओर भगवान शिव की छवि भी उकेरी गई है. कहा जाता है कि महाभारत के नायक अर्जुन ने भगवान शिव से दिव्य पशुपतास्त्र (शस्त्र) प्राप्त करने के लिए यहां तपस्या की थी. इसके साथ ही मोदी और शी ने कृष्ण की बटर बॉल की सैर की. यहां से दोनों नेताओं ने एक ही कार में बैठकर पांच रथों तक पहुंचने के लिए कुछ दूरी तय की. मोदी और शी ने इसके बाद समुद्र तट पर स्थित मंदिर के पास कलाक्षेत्र फाउंडेशन के छात्रों द्वारा आयोजित किए गए नृत्य कार्यक्रम का आनंद लिया.
रिपोर्ट: रवि रंजन (आईएनएस)
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