गरीबों के लिए "कोरोना कवर"
लॉकडाउन के कारण जिन लोगों की कमाई का जरिया बंद हो गया उनके लिए सरकार ने कई एलान किए हैं. एक नजर डालते हैं केंद्र और राज्यों के मरहम पर.
कोरोना पैकेज
कोरोना वायरस के चलते भारत सरकार ने 1.7 लाख करोड़ पैकेज का एलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है जो गरीब और कमजोर तबके के हैं.
सबसे बड़ी राहत
21 दिनों के लॉकडाउन के कारण संकट से जूझ रहे गरीब, किसान, मजदूर, छोटे कर्मचारियों और महिलाओं को राहत देने के लिए इस योजना को दो हिस्सों में बांटा गया है. पहली कोशिश हर नागरिक के पेट भरने की है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को खाद्य मदद दी जाएगी.
गरीब कल्याण योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को तीन महीने तक मुफ्त राशन दिया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम करने वालों को अब 182 रुपये के बदले 202 रुपये मिलेंगे. इससे उनकी आय में 2000 रुपये की बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा तीन करोड़ गरीब वृद्धों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यांगों को एक-एक हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा हुई है.
लॉकडाउन में भी जलता रहे चूल्हा
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक मुफ्त में रसोई गैस सिलेंडर देने का ऐलान हुआ है, इससे 8 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ होगा.
किसानों की फिक्र
राहत पैकेज के तहत देश के 8.7 करोड़ किसानों के खाते में अप्रैल के पहले हफ्ते में 2000 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे.
कोरोना योद्धाओं का बीमा
कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों, पैरा मेडिकलकर्मियों, नर्स, आशा सहयोगी और अन्य मेडिकल स्टाफ के लिए बीमा की घोषणा की गई है. सरकार ने इन लोगों के लिए 50 लाख रुपये के मेडिकल इंश्योरेंस का ऐलान किया है. इसका लाभ करीब 20 लाख मेडिकल कर्मियों को मिलेगा.
महिलाओं के लिए सहायता
जनधन योजना के जरिए 20 करोड़ महिलाओं के खाते में अगले 3 महीने तक डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए हर महीने 500 रुपये दिए जाएंगे.
राज्यों की पहल
लॉकडाउन के कारण प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य की सरकारें भी आगे आ रही हैं. बिहार सरकार ने राशन कार्डधारी परिवार को एक महीने का मुफ्त राशन देने का एलान किया है.
आरबीआई की राहत
कोरोना से अर्थव्यवस्था को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने भी बड़ी घोषणाएं की हैं. आरबीआई ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की है. साथ ही आरबीआई ने टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट दी है. ग्राहक अपनी मर्जी से ईएमआई चुका सकते हैं लेकिन बैंक दबाव नहीं डालेगा. इसका यह मतलब नहीं कि बकाया कभी चुकाना ही नहीं पड़ेगा. सिर्फ तीन महीने की मोहलत दी गई है.
प्रवासी मजदूरों की चिंता
बड़े शहरों से गांवों की तरफ पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. केंद्र ने राज्यों से खेतिहर मजदूरों, औद्योगिक मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पलायन रोकने को कहा है. केंद्र की ओर से राज्यों को सलाह दी गई है कि वे इन समूहों को मुफ्त अनाज और अन्य जरूरी चीजों के बारे में जानकारी दे जिससे बड़े पैमाने पर पलायन को रोका जा सके.