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समाज

अब सुपर साइक्लोन अम्फान का संकट

आमिर अंसारी
१९ मई २०२०

चक्रवाती तूफान अम्फान सोमवार दोपहर महातूफान में तब्दील हो गया है और आशंका है कि यह बुधवार की दोपहर बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों से टकराएगा. महातूफान की वजह से हवा की रफ्तार 265 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.

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India- Cyclone Amphan intensifies into a ‘supercyclonic storm’
फाइलतस्वीर: picture-alliance/dpa/AP

बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान अम्फान अब महाचक्रवात (सुपर साइक्लोन) में बदल गया है. अम्फान के ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट से बुधवार 20 मई की दोपहर टकराने की आशंका है. चक्रवाती तूफान के कारण तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश हो सकती है. 20 मई को इसके बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हाटिया द्वीप तट से टकराने की आशंका है. अम्फान महाचक्रवात से निपटने की तैयारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को समीक्षा बैठक की. मोदी ने अम्फान से बनी स्थिति की समीक्षा की और उससे निपटने के उपायों और तैयारियों का जायजा लिया.

सुपर साइक्लोन की वजह से बंगाल की खाड़ी में 230 से लेकर 265 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने का पूर्वानुमान है, जिस वजह से ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. किसी भी चक्रवात में जब हवा की रफ्तार 220 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक हो जाती है तो उसे सुपर साइक्लोन का दर्जा दिया जाता है. मौसम विभाग के मुताबिक सुपर साइक्लोन के बुधवार को पश्चिम बंगाल तट से टकराने की प्रबल संभावना है और इस वजह से राज्य के तटीय जिलों में तेज से लेकर बहुत तेज बारिश होगी. इस सुपर साइक्लोन से पश्चिम बंगाल में पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिलों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है. यही नहीं, इस तूफान से उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों जैसे कि जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर के भी प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है.

नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) के मुताबिक पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 25 टीमों को जमीनी स्‍तर पर तैनात किया गया है, जबकि 12 अन्य टीमें  रिजर्व में तैयार हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों एनडीआरएफ की 24 अन्य टीमें भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. दूसरी ओर सुपर साइक्लोन के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत और बचाव कार्यों के लिए कई जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं.  इन राज्यों में सेना और वायुसेना की यूनिट को भी आपात व्‍यवस्‍था के तौर पर रखा गया है. 1999 के सुपर साइक्लोन ने 9 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली थी. आशंका है कि इस तूफान के तट पर आने से भारी तबाही मच सकती है.

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