भारत में सांप्रदायिक दंगे 14 फीसदी घटे
भारत में 2019 में सांप्रदायिक दंगों के 440 मामले दर्ज किए गए, 10 मार्च को राज्य सभा में सरकार की ओर से दिए बयान के मुताबिक दंगों में 14 फीसदी की कमी आई है. दंगों में संपत्ति के साथ-साथ लोगों का भविष्य भी उजड़ता है.
सबसे ज्यादा दंगे
गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में बताया कि 2019 में 440 दंगों के मामले दर्ज किए गए जो कि इसके पूर्व के साल से 14 प्रतिशत कम है. 2018 में 512 सांप्रदायिक दंगे हुए थे. गृह मंत्रालय ने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों को पेश करते हुए जानकारी दी. बिहार में सबसे अधिक 135 मामले दर्ज किए गए.
यूपी में नहीं हुए दंगे
गृह मंत्रालय का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 2019 में सांप्रदायिक दंगे के मामले नहीं हुए. लेकिन उत्तर प्रदेश में कथित लव जिहाद जैसे मामलों को लेकर तनाव की खबरें सामने आती रहती हैं.
झारखंड में भी दंगे
छोटे से राज्य झारखंड में सांप्रदायिक या धार्मिक हिंसा के 54 मामले साल 2019 में दर्ज किए गए.
हरियाणा में कितने दंगे
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय ने बताया कि हरियाणा में 50 मामले दंगों के दर्ज किए गए.
बाकी राज्यों का हाल
गृह मंत्रालय के मुताबिक महाराष्ट्र में 47, मध्य प्रदेश में 32, गुजरात में 22 और केरल में 21 सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के मामले दर्ज किए गए.
समाज को जख्म देते दंगे
धार्मिक दंगों के कारण समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है. दंगों के दौरान जान और माल का नुकसान तो होता ही है साथ ही राज्य और देश की छवि भी खराब होती है.