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गुड़गांव सोसायटी ने लड़के की दोस्त को नहीं घुसने दिया

४ नवम्बर २०१६

गुड़गांव में एक व्यक्ति की महिला दोस्त को सोसायटी में नहीं घुसने दिया गया. यह मामला इतना बढ़ा कि सोशल मीडिया पर छाया रहा. सोशल मीडिया पर इस बात पर खूब खींचतान हो रही है.

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Indien Symbolbild Computer Frauenhand in New Delhi mit Tastatur
तस्वीर: dapd

समस्या यह थी कि मोहित अग्रवाल नाम का यह शख्स शादीशुदा नहीं है इसलिए उसे अपने घर किसी लड़की को लेकर जाना सोसायटी वालों को गवारा नहीं था.

मोहित अग्रवाल गुड़गांव के एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में एक फ्लैट में रहते हैं. उन्होंने अपनी एक स्पेनिश दोस्त को घर पर बुलाया था. लेकिन उनकी दोस्त को घर में घुसने से रोक दिया गया. हाउसिंग असोसिएशन ने कहा कि नियम के अनुसार गैर शादीशुदा लोग किसी विपरीत लिंग के व्यक्ति को अपने घर नहीं बुला सकते.

इस बारे में अग्रवाल ने एक फेसबुक पोस्ट लिखी जो देखते ही देखते वायरल हो गई. उन्होंने लिखा है, "मेरी दोस्त को मेरे घर में घुसने से रोकने का कोई आधार नहीं था. बस वे लोग मेरे ऊपर अपनी नैतिकता थोपना चाहते थे." वह लिखते हैं कि यह बहुत ज्यादा अपमानजनक था क्योंकि आसपास बहुत शर्मनाक बातें कही जा रही थीं.

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अग्रवाल की यह स्पेनिश दोस्त पिछले महीने ही भारत आई हैं. वह एक मानवाधिकार संगठन के साथ इंटर्न के तौर पर काम कर रही हैं. गुड़गांव के पॉश इलाके में द पाम ग्रूव कॉम्प्लेक्स में मोहित अग्रवाल ने उन्हें अपने घर बुलाया था. यह कॉम्प्लेक्स अमेरिकी कंपनी चलाती है लेकिन इसके नियम कानून सोसायटी के बाशिंदों ने ही बनाए हैं. कंपनी के अधिकारी संजय चौधरी से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा, "नियम बनाने में हमारी कोई भूमिका नहीं है. सोसायटी में पहले कुछ ऐसी दिक्कतें हुई थीं जिनके बाद ऐसा नियम बनाया गया."

भारत में कुंवारे लड़के-लड़कियों को घर तक खोजने में मुश्किल होती हैं. दिल्ली और उसके आसपास की महंगी सोसायटी में बाहर गेट पर ही लिखा रहता है, बैचलर्स नॉट अलाउड. सोसायटी में रहने वाले कुछ माता-पिता कहते हैं कि इस तरह के लोगों के संपर्क में आने से उनके बच्चे बिगड़ जाएंगे. लेकिन इससे समाज की तंग दिमाग सोच का भी पता चलता है. मोहित अग्रवाल के जवाब में मारिया मासल ने लिखा है कि सोसायटी का व्यवहार बहुत खराब है. उन्होंने लिखा है, "हम कैसे समाज में रह रहे हैं? ऐसी घटना से दिल दहल गया है. उन सबको शर्म आनी चाहिए."

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पिछले साल मुंबई में इस तरह की एक घटना पर खासा विवाद हुआ था जब एक होटल से 40 युवा जोड़ों को हिरासत में लिया गया था. इन पर अश्लील व्यवहार का आरोप लगाकर पुलिस ने पकड़ लिया था जबकि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें होटल में दो लोगों को अपनी मर्जी से रुकने से रोका जाए.

वीके/एपी (एएफपी)