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मीडियाभारत

तीन सालों में दर्जनों पत्रकारों को एजेंसियां बना चुकी निशाना

चारु कार्तिकेय
४ अक्टूबर २०२३

न्यूजक्लिक के पत्रकारों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई ऐसी पहली घटना नहीं है. बीते कुछ सालों में कई मीडिया संस्थानों और दर्जनों पत्रकारों के खिलाफ पुलिस, ईडी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों ने कार्रवाई की है.

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मीडिया
मीडिया पर पाबंदीतस्वीर: Sorapop/Panthermedia/imago images

मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि मंगलवार तीन अक्टूबर को वेबसाइट न्यूजक्लिक से जुड़े लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने जो कार्रवाई की, उसके तहत कम से कम 35 पत्रकारों से घंटों पूछताछ की गई और उनके उपकरण जब्त कर लिए गए.

इनमें प्रबीर पुरकायस्थ, उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता, भाषा सिंह, अभिसार शर्मा, ऑनिंद्यो चक्रवर्ती जैसे वरिष्ठ पत्रकार तो हैं ही, कॉपी डेस्क कर काम करने वाले कई युवा पत्रकार भी शामिल हैं. न्यूजक्लिक के साथ तीन साल से कॉपी एडिटर का काम कर रहीं एक ऐसी ही पत्रकार ने वेबसाइट 'द वायर' को बताया कि पुलिस की टीम सुबह छह बजे उनके घर पर आ गई.

मालिकों से लेकर फ्रीलान्स पत्रकार निशाने पर

तीन घंटों तक पुलिस उनके घर की तलाशी लेती रही. उनके मुताबिक पुलिस वालों के पास एक कागज था जिसमें लिखे सवाल वो पूछे जा रहे थे. जाते जाते वो इस कॉपी एडिटर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और पासपोर्ट भी ले गए. दिन के अंत तक पुलिस ने कम से कम 46 लोगों से पूछताछ कर ली थी और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया था.

इनमें न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रमुख संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और कंपनी के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती शामिल थे. इससे पहले भी कई मीडिया संस्थानों के खिलाफ पुलिस, इनकम टैक्स, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों ने छापे मारे हैं, लेकिन यह शायद पहली बार है जब संस्थान के मालिक या मालिकों के अलावा सभी कर्मचारियों, पत्रकारों और यहां तक कि संस्थान के लिए फ्रीलान्स करने वालों को भी निशाना बनाया गया है.

इस कार्रवाई की देश के कई मीडिया संगठनों ने निंदा की है, लेकिन इसके साथ ही बीते कुछ सालों में अलग-अलग सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करने वाले पत्रकारों और मीडिया संस्थानों की सूची और लंबी हो गई है.

चार सितंबर को एडिटर्स गिल्ड की एक समिति की मणिपुर के स्थानीय मीडिया की भूमिका पर आई एक रिपोर्ट के बाद मणिपुर सरकार ने रिपोर्ट बनाने वाले पत्रकारों और गिल्ड की अध्यक्ष के खिलाफ पुलिस केस दायर कर दिया था.

पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती कार्रवाई

उसके पहले फरवरी 2023 में इनकम टैक्स ने नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के दफ्तर की तलाशी ली थी और कुछ कर्मचारियों के मोबाइल फोन के डाटा की एक कॉपी ले ली थी.

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फरवरी और जून, 2021 में इनकम टैक्स विभाग ने ऐसी ही कार्रवाई वेबसाइट 'न्यूजलॉन्ड्री' के खिलाफ की थी. जुलाई, 2021 में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में दैनिक भास्कर मीडिया समूह से जुड़े 32 ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग ने तलाशी ली थी. कश्मीर में तो अक्टूबर 2020 में ग्रेटर कश्मीर अखबार के दफ्तर पर एनआईए का छापा पड़ा था.

कश्मीर में ही मार्च 2022 में 'द कश्मीरवाला' अखबार के प्रमुख संपादक फहद शाह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसी तरह एनडीटीवी, क्विंट, भारत समाचार, कश्मीर टाइम्स, द न्यूज मिनट जैसे संस्थानों के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग, ईडी और पुलिस की कार्रवाई हो चुकी है.

दिसंबर, 2022 से जनवरी, 2023 के बीच अडानी समूह ने एनडीटीवी को खरीद लिया था. संस्थानों के अलावा स्वतंत्र रूप से काम करने वाले पत्रकारों के खिलाफ भी कार्रवाई होती रही है.

इनमें सिद्दीक कप्पन, मोहम्मद जुबैर, दिवंगत पत्रकार विनोद दुआ, राणा अय्यूब, इरफान मेहराज, किशोरचंद्र वानखेम, पवन जायसवाल, पाओजेल चाओबा जैसे पत्रकार शामिल हैं.