बुढ़ाते जापान की कारोबारी औरतें
१४ अगस्त २०१७योशिको जाकोजी याद करती हैं कि जब उन्होंने 60 साल की उम्र में व्यापार शुरू करने की बात कही तो उनके पड़ोसी और रिश्तेदार कैसे हैरान हुए थे. वह बताती हैं, "लोग मुझसे पूछते थे कि मैं धरती पर क्या करने जा रही हूं." जाकोजी अब 85 साल की हैं. जब उनके पति रिटायर हुए तो वो पूरी तरह से गृहिणी थीं और उनके पास नौकरी या कारोबार का कोई अनुभव नहीं था. उन्होंने 1992 में जाकोजी ने एक दुकान खोली और खाने पीने की स्थानीय चीजों के साथ ही स्थानीय लोगों की बनायी दूसरी चीजें बेचने लगीं. उन्होंने दूसरी उम्रदराज महिलाओं को भी उनकी राह पर चलने के लिए प्रेरित किया. वह कहती हैं, "बुढ़ाते समाज में मैंने सोचा कि हम बुजुर्गों को भी कोई भूमिका निभानी चाहिए."
2065 में जापान की आबादी में 65 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों की हिस्सेदारी करीब 38.4 फीसदी होगी. 2015 में इस उम्र के लोग 26.6 फीसदी थे.
जाकोजी या उनके परिवार में भी किसी को व्यापार चलाने का अनुभव नहीं था इसलिए वह टोक्यो में "सिटिजंस बिजनेस स्कूल" गयीं. ये स्कूल वूमेन्स वर्ल्ड बैंक जापान चलाता है. जाकोजी ने एक गैरलाभकारी समूह भी बनाया जो स्थानीय समस्याओं को दूर करने के लिए काम करता है. उनका शहर टोक्यो से करीब 180 किलोमीटर दूर है. जाकोजी के पति अब नहीं हैं लेकिन पहले वह भी उनके कारोबार और सामाजिक काम में मदद करते थे. वह बताती हैं, "मेरे पति की समझदारी बहुत जरूरी थी. वह जानते थे कि मैं समाज के लिए कुछ करना चाहती हूं."
दोनों ने मिल कर अपने घर की साज सज्जा थोड़ी बदली और घर की पहली मंजिल को दुकान में तब्दील कर दिया. उनके घर की दूसरी मंजिल पर स्थानीय लोग बर्तन और फूलों को सजाने की कला सीखते हैं. सप्ताह के आखिरी दिनों में कुछ कार्यकर्ता जमा हो कर गैरजापानी लोगों को जापानी भाषा, गणित और दूसरे विषय पढ़ाते हैं. यह सुविधा 24 साल से यहां चली आ रही है. इस शहर में दूसरे देशों से आये लोगों की अच्छी खासी तादाद है उन्हें इसका फायदा मिलता है. जाकोजी ने शहर के अधिकारियों के साथ मिल कर क्योको ओकुतानी को भी बुलाया जो वूमेन वर्ल्ड बैंक जापान की प्रमुख हैं. उन्होंने रुढ़िवादी माने जाने वाले इस इलाके में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा दिया. जाकोजी कहती हैं, "मैंने देखा कि अब ज्यादा महिलाएं यहां व्यापार कर रही हैं."
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा है कि वह ऐसा समाज बनाना चाहते हैं जिसमें "सारी महिलाएं चमकें." हालांकि विवाहित महिलाओं को अब भी देश के पुरुष प्रधान समाज के कामकाजी समाज में शामिल होने में मुश्किलें पेश आती हैं. वे पढ़ी लिखी हों और काम करना चाहती हों तब भी.
2016 के वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल जेंडर रिपोर्ट के मुताबिक लैंगिक समानता के मामले में दुनिया के 144 देशों में जापान 111वें नंबर पर है. रोय सुनोई को सरकारी स्कूल में टीचर की नौकरी एक बार छोड़ने के बाद दोबारा इसे हासिल करने में काफी दिक्कत हुई. कुछ छोटे मोटे काम करने के बाद सुनोई ने खुद का व्यापार शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने ब्रेड बनाना सीखा और फिर एक ब्रेड की दुकान खोल ली. परिवार के सहयोग से सुनोई का काम इतना बढ़िया चलने लगा कि उनके दो बेटों ने भी अलग अलग दुकान कर ली. वह बताती हैं, "मैं इस व्यापार को बहुत इंजॉय करती हूं क्योंकि यहां सारे फैसले मैं लेती हूं."
एनआर/एके (डीपीए)