तस्वीरों में मिशन काबुल
अगस्त के मध्य में तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद से हजारों लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया है. लेकिन कई हजार लोग पीछे ही छूट जाएंगे. वे देश में रहेंगे और तालिबान के बदले के जोखिम से घिरे रहेंगे.
दूतावास कर्मियों को बचाते अमेरिकी हेलीकॉप्टर
जैसे ही तालिबान ने राजधानी काबुल में दाखिल किया, एक अमेरिकी चिनूक सैन्य हेलीकॉप्टर 15 अगस्त, 2021 को काबुल में अमेरिकी दूतावास से अमेरिकी कर्मचारियों को निकालने के काम में लग जाता है. जर्मनी ने लोगों को निकालने की कोशिशों में मदद के लिए काबुल में छोटे हेलीकॉप्टर भेजे हैं.
काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचने की जद्दोजहद
काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 16 अगस्त और उसके बाद के दिनों में हजारों लोग अफगानिस्तान छोड़ने की उम्मीद में पहुंचे. लोग दीवार फांदते, कंटीली तारों को पार करते दिखे. वे किसी तरह से देश छोड़ने की कोशिश करते नजर आए.
तालिबान से बचने को बेताब
अफगानिस्तान से भागने की कोशिशों में सैकड़ों लोग अमेरिकी वायुसेना के विमान के साथ-साथ दौड़ने लगे. कुछ लोग विमान से लिपट गए. उन्हें नहीं पता था कि यह कितना खतरनाक हो सकता है. विमान से गिरकर कुछ लोगों की मौतें भी हुईं.
दो दशक बाद तालिबान की वापसी
दो दशकों तक अफगानिस्तान से तालिबान एक तरह से गायब था. लेकिन जैसे ही अमेरिका, जर्मनी और अन्य देशों के सैनिकों की वापसी शुरू हुई तालिबान तेजी से प्रांतों पर कब्जा जमाने लगा. ये तालिबान लड़ाके अफगान राजधानी पर कब्जा करने के कुछ दिनों बाद काबुल के एक बाजार में गश्त करते दिखाई दे रहे हैं.
ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने की कोशिश
लोग किसी तरह से अफगानिस्तान से बाहर जाना चाहते हैं. इस वायुसेना के विमान में क्षमता से अधिक लोग बैठे हैं. जर्मन वायु सेना के इस परिवहन विमान में लोगों ने उज्बेकिस्तान के ताशकंद के लिए उड़ान भरी. काबुल से निकलने वाले अधिकांश सैन्य विमान उज्बेकिस्तान, दोहा या इस्लामाबाद जाते हैं जहां से यात्रियों को अलग-अलग गंतव्यों के लिए भेजा जाता है.
तालिबानी शासन में जीवन
तालिबान के देश पर कब्जा करने के कुछ दिनों बाद 23 अगस्त को बुर्का पहने अफगान महिलाएं काबुल के एक बाजार में खरीदारी करती हुईं. महिलाओं और बच्चों के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों को देश में अब काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं.
सुरक्षित हाथों में
24 अगस्त, 2021 को काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर निकासी अभियान के दौरान एक अमेरिकी मरीन एक बच्चे को उसके परिवार के पास ले जाता हुआ. अमेरिका कह चुका है कि वह 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों को देश से हटा लेगा.
जब बचने में कामयाब हुए
अफगानिस्तान से भागने में कामयाब होने वालों में से कई ने मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी हैं. वे कहते हैं कि वे भाग्यशाली महसूस करते हैं कि वे सुरक्षित रूप से अफगानिस्तान से बाहर आ गए. लेकिन तालिबान शासन से बचने में असमर्थ हजारों लोग के भाग्य पर संकट के बादल मंडरा रहे है. इस परिवार को काबुल से निकाला गया है और एक अमेरिकी शरणार्थी केंद्र में ले जाया जा रहा है.