म्यांमार: जुंटा के खिलाफ लड़ाई के लिए युवाओं की जंगलों में ट्रेनिंग
पूर्वी म्यांमार में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में बांस के घने जंगल के बीच 100 से अधिक युवा जुंटा से लड़ने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. तीन महीने की ट्रेनिंग के लिए समाज के हर वर्ग से लोग आ रहे हैं.
सैन्य जुंटा से लड़ाई की ट्रेनिंग
जंगलों के बीच हो रही मिलिट्री ट्रेनिंग में पूर्व पत्रकार, शेफ, रैपर और कवि शामिल हैं. इनका एक ही मकसद है, 2021 से दक्षिण पूर्व एशियाई देश म्यांमार की सत्ता पर काबिज सैन्य शासन को उखाड़ फेंकना. इनको बामर पीपल्स लिबरेशन आर्मी ट्रेनिंग दे रही है.
म्यांमार का प्रतिरोध आंदोलन
एक समय युद्ध-विरोधी कवि रहे माउंग सौंगखा के नेतृत्व वाली बामर पीपल्स लिबरेशन आर्मी (बीपीएलए) म्यांमार के प्रतिरोध आंदोलन में एक प्रमुख ताकत बनकर उभरी है. म्यांमार के बामर जातीय बहुमत का प्रतिनिधित्व करने वाले बीपीएलए का गठन अप्रैल 2021 में किया गया था.
आंदोलन में और लोग भी हैं शामिल
बीपीएलए के अलावा म्यांमार में जुंटा के खिलाफ मैदान में अराकन आर्मी भी संघर्ष कर रही है. लोकतंत्र समर्थक लंबे समय से देश में लोकतंत्र बहाली की मांग करते आए हैं. बीपीएलए की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पिछले साल कुछ युवाओं को लड़ाई के लिए भेज दिया गया था. बीपीएलए के नेताओं के मुताबिक 2021 से जुंटा के साथ लड़ाई में उसके 20 से अधिक सैनिक मारे गए हैं.
सख्त ट्रेनिंग
इस ट्रेनिंग में शामिल लोग 20 साल के कम उम्र के हैं. चिलचिलाती धूप में जंगल के बीच में सख्त ट्रेनिंग हो रही है. कई बार इस दौरान उन्हें चोट भी लगती है जिसके निशान नजर आते हैं, लेकिन युवा इनकी परवाह किए बगैर ट्रेनिंग में जुटे हुए हैं.
बिना पानी के ट्रेनिंग
ट्रेनिंग पाने वालों की दिनचर्या सुबह 4 बजे शुरू होती है और रात 9 बजे खत्म होती है, रविवार को ही उनका एकमात्र छुट्टी का दिन होता है. ट्रेनिंग सेशन के दौरान वे पानी की एक भी बूंद पिए बिना घंटों कड़ा प्रशिक्षण लेते हैं.
ऑपरेशन 1027
बीपीएलए, ऑपरेशन 1027 में एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है. यह एक संयुक्त अभियान है जो कई विद्रोही संगठन साथ मिल कर चला रहे हैं. इनका मकसद है सैन्य सरकार को हटाना है. फरवरी 2021 में निर्वाचित सरकार को सत्ता हटा कर सेना उस पर काबिज हो गई. विद्रोहियों के अभियान ने सेना को कमजोर किया है.
ट्रेनिंग में क्या सिखाया जाता है
बीपीएलए की बेसिक ट्रेनिंग अपनी कठोरता और सख्त अनुशासन के लिए प्रसिद्ध है. प्रशिक्षण तीन महीने तक चलता है, जिसमें ट्रेनिंग लेने वालों की शारीरिक और मानसिक क्षमता बढ़ाई जाती है. इस दौरान उन्हें हथियार चलाने से लकर हमला करने और अपनी सुरक्षा की भी ट्रेनिंग दी जाती है.
जुंटा की नजर
एक रात जंगल के बीच मौजूद इस कैंप पर जुंटा का ड्रोन मंडराने लगा, जिसके बाद वहां सन्नाटा छा गया और जेनरेटर को बंद कर दिया है, रोशनी भी बंद कर दी गई और यहां मौजूद लोग किसी तरह से छिपने में कामयाब रहे. उसके अगली सुबह माउंग सौंगखा ने अपने अधिकारियों को बताया कि लड़ाकू विमानों के आने पर किस तरह से अलर्ट रहना है.