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आम आदमी पार्टी ने फतह किया बीजेपी का दिल्ली किला

चारु कार्तिकेय
७ दिसम्बर २०२२

दिल्ली की नगरपालिका में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी की 15 साल की सत्ता को खत्म कर दिया है. इसे दिल्ली की राजनीति में 'आप' के बढ़ते वर्चस्व का संकेत माना जा रहा है.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल (फाइल तस्वीर)तस्वीर: Narinder Nanu/AFP/Getty Images

दिल्ली नगर निगम के चुनावों में भी जीत हासिल कर 'आप' ने दिल्ली की राजनीति में अपनी उपस्थिति को और मजबूत बना दिया है. पार्टी की पिछले लगभग नौ सालों सेदिल्ली में सरकार है. नगर निगम में भी सत्ता हासिल करना पार्टी के लिए सालों से एक बड़ा लक्ष्य रहा है, जिसे अब जा कर उसने हासिल कर लिया है.

नगर निगम में पिछले 15 सालों से बीजेपी सत्ता में थी. यहां तक कि कांग्रेस पार्टी भी 15 सालों तक दिल्ली में सरकार बनाने के बावजूद नगर निगम से बीजेपी को हिला नहीं पाई थी. 2013 में पहली बार 'आप' ने दिल्ली में सरकार बनाई और नौ साल बाद नगर निगम में भी सत्ता हासिल करने में सफल हो गई.

नगर निगम के 250 वॉर्डों के लिए मतदान चार दिसंबर को हुआ था. कुल 1.45 करोड़ मतदाताों में से सिर्फ 73 लाख लोगों, यानी 50.48 प्रतिशत ने मतदान किया था. किसी भी पार्टी को ये चुनाव जीतने के लिए 126 वॉर्ड जीतने होते हैं. 'आप' ने 134 वॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं, जबकि बीजेपी 104 पर ही जीत पाई है.

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कांग्रेस 9 वॉर्डों तक ही सीमित हो गई है. पिछले चुनावों में नगर निगम तीन हिस्सों में विभाजित थी. तीनों निगमों में कुल 272 वॉर्ड थे, जिनमें से बीजेपी ने 181 में जीत हासिल की थी, 'आप' ने 49 में और कांग्रेस ने 31 में. इसकी तुलना में 2022 के नतीजों में कांग्रेस और सिमट गई है, बीजेपी पीछे हो गई और 'आप' निर्णायक रूप से आगे हो गई है.

'आप' और बीजेपी के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गए थे. दिल्ली की जटिल प्रशासनिक व्यवस्था में दोनों पार्टियां अक्सर एक दूसरे के खिलाफ एक जंग में फंसी रहती है. इन चुनावों से पहले दिल्ली में सरकार 'आप' की थी, लेफ्टिनेंट गवर्नर केंद्र में बीजेपी की सरकार द्वारा नियुक्त किए गए थे और नगर निगम में भी बीजेपी सत्ता में थी.

आम आदमी पार्टी
एमसीडी चुनावों के पहले कैंपेन करते आम आदमी पार्टी के कार्यकर्तातस्वीर: Ab Rauoof Ganie/DW

इस वजह से दोनों पार्टियां अलग अलग मुद्दों पर एक दूसरे की आलोचना करती रहती थीं. दिल्ली में अपराधों को लेकर बात हो तो 'आप' केंद्र में सत्तारूढ़ बीजपी पर उंगली उठाती और शहर में प्रदूषणकी बात हो तो बीजेपी 'आप' की सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ती.

लेकिन इस खींच-तान के बीच सच्चाई यह है कि नगर निगम पर कब्जा दिल्ली की राजनीति का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है. दिल्ली नगर निगम दुनिया के सबसे बड़े नगर निगमों में से है.

दिल्ली में दो और नगर निगम हैं - एनडीएमसी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड, लेकिन एमसीडी का इलाका सबसे बड़ा है. इसके तहत करीब 1397.3 वर्ग किलोमीटर का इलाका आता है, जिसमें करीब दो करोड़ लोग रहते हैं. 2022-23 के लिए एमसीडी का बजट 15,276 करोड़ रुपयों का है.